2 नवंबर 2025 को महाकाल भैरव अष्टमी,
जानिए पूजा और उपाय
1 months ago Written By: अनिकेत प्रजापति
नई दिल्ली: 12 नवंबर 2025 को महाकाल भैरव अष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन भगवान काल भैरव की उत्पत्ति हुई मानी जाती है। भैरव जी भगवान शिव के एक रूप हैं और कहा जाता है कि अपने भक्तों पर वे बहुत जल्दी कृपालु हो जाते हैं। इस दिन की उपासना से व्यक्ति हर तरह की परेशानी, शत्रु, मुकदमा, भय, स्वास्थ्य समस्याओं और कर्ज से छुटकारा पा सकता है। साथ ही जीवन में सुख, समृद्धि और विजय की प्राप्ति होती है। इस दिन भैरव जी की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
भैरव जी की उपासना और तंत्र मंत्र भैरव जी को तंत्र-मंत्र का देवता भी माना जाता है। इनकी कृपा से सभी तांत्रिक क्रियाएं निष्फल हो जाती हैं और व्यक्ति को खुशहाली मिलती है। मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को उड़ीसा में प्रथमाष्टमी मनाई जाती है, जिसमें बड़ी संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत किया जाता है। इस दिन श्री गश और वरुण देव की पूजा का भी विधान है।
उपाय और पूजा विधि भैरव जी की कृपा पाने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। बिजनेस फैलाने के लिए उड़द चढ़ाएं और कुछ दाने अलग रखें। सुख-संपत्ति बढ़ाने के लिए मिट्टी के दीपक में सरसों का तेल डालकर दीपक जलाएं। आत्मविश्वास और साहस बढ़ाने के लिए पितरों की पूजा करें और ब्राह्मण को भोजन खिलाएं। जीवन की परेशानियों से मुक्ति के लिए सरसों के तेल में लगी रोटी काले कुत्ते को दें। भय से छुटकारा पाने के लिए काले धागे का प्रयोग करें। इसके अलावा बच्चों पर जादू-टोना का असर हटाने, निगेटिविटी दूर करने, मुसीबत टालने और आर्थिक लाभ बढ़ाने के लिए भी विशेष उपाय बताए गए हैं। इन सभी उपायों में भैरव मंत्र “ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ” का जाप आवश्यक है।
जानकारी का सार महाकाल भैरव अष्टमी का यह दिन भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सही विधि और मंत्र के साथ की गई पूजा जीवन में सफलता, सुख-समृद्धि और शांति लाती है।