“मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025: स्नान, दान और पूजा से पाए 32 गुना पुण्य,
जानें शुभ मुहूर्त और व्रत विधि”
7 days ago Written By: Aniket Prajapati
व्रत और धर्म के महत्व के दृष्टिकोण से मार्गशीर्ष पूर्णिमा का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इसे अगहन पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। गीता में स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि “मासानां मार्गशीर्षोऽयम्” अर्थात् मासों में मैं मार्गशीर्ष हूं। यही कारण है कि इस महीने की पूर्णिमा का महत्व अन्य पूर्णिमाओं से कहीं अधिक है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और उनके कृष्ण स्वरूप की उपासना विशेष रूप से करनी चाहिए। इसके साथ ही इस दिन चंद्रदेव की पूजा करने की भी परंपरा रही है। इसे बत्तीसी पूर्णिमा या बत्तीसी पूनम के नाम से भी जाना जाता है।
दान-पुण्य में 32 गुणा फल ज्योतिष और पुराणों में मान्यता है कि इस दिन किए गए दान का फल सामान्य दिनों की तुलना में 32 गुना अधिक मिलता है। इसलिए यदि आप अपने कर्म और पुण्य को बढ़ाना चाहते हैं, तो मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर किसी भी जरुरतमंद को दान अवश्य दें।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 का शुभ मुहूर्त मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत 4 दिसंबर 2025 को रखा जाएगा। इस दिन का शुभ मुहूर्त सुबह 08:37 से शुरू होकर अगले दिन सुबह 04:43 बजे तक रहेगा। वहीं चंद्र उदय का समय शाम 04:35 बजे निर्धारित है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत विधि इस दिन व्रत रखने का प्रमुख उद्देश्य भगवान नारायण की पूजा करना है। व्रत की विधि इस प्रकार है:
प्रातःकाल उठकर भगवान का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
“ओम नमो नारायण” का उच्चारण करते हुए विधि विधान से पूजा करें।
पूजा स्थल पर वेदी बनाकर हवन करें और भगवान को श्रद्धापूर्वक अर्पित करें।
पूरे दिन अन्न का सेवन न करें।
चंद्रमा उदय होने के बाद चंद्र देव की पूजा करें।
रात में भगवान नारायण की प्रतिमा के पास ही शयन करें।
व्रत समाप्ति के दिन जरुरतमंदों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा देकर उन्हें सम्मानपूर्वक विदा करें।