आज से मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की शुरुआत,
शुक्रवार व्रत और लक्ष्मी पूजा का शुभ संयोग
1 months ago Written By: अनिकेत प्रजापति
आज का दिन हिंदू पंचांग के अनुसार बेहद शुभ माना जा रहा है। मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि आज से शुरू हो गई है। शुक्रवार का दिन होने के कारण माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। सुबह से ही शुभ योगों का निर्माण हुआ है, जो दिनभर पूजा-पाठ और मंगल कार्यों के लिए अनुकूल माने जा रहे हैं। आज सुबह 06:49 बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग बना है, जो दोपहर तक प्रभावी रहेगा। साथ ही अनुराधा नक्षत्र और अतिगंड योग भी इस दिन को और अधिक शुभ बना रहे हैं। आज जो लोग शुक्रवार का व्रत रखते हैं, उन्हें दिन में पूजा करने के बाद शाम को प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा अवश्य करनी चाहिए।
लक्ष्मी पूजा की विधि और जरूरी सामग्रियाँ
शाम के प्रदोष काल में माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। पूजा में लाल गुलाब, कमल, कमलगट्टा, सिंदूर, अक्षत, धूप-दीप, फल, माला और सफेद मिठाई चढ़ाई जाती है। पूजा में कौड़ियों का उपयोग शुभ माना जाता है। अगर पीली कौड़ियाँ उपलब्ध न हों, तो सफेद कौड़ियों पर हल्दी लगाकर उन्हें प्रयोग किया जा सकता है। भोग में बताशे, खीर या दूध से बनी कोई भी सफेद मिठाई अर्पित की जाती है। पूजा के बाद लक्ष्मी चालीसा, श्रीसूक्त और शुक्रवार व्रत कथा का पाठ करना शुभ फल देता है। यदि कोई अधिक धन-समृद्धि चाहता है तो कनकधारा स्तोत्र का पाठ लाभदायक माना जाता है।
शुक्र ग्रह को मजबूत करने के उपाय
ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह प्रेम, वैवाहिक जीवन, सौंदर्य और सुख-सुविधाओं का कारक है। इसे मजबूत करने के लिए हीरा या ओपल धारण किया जा सकता है, लेकिन यह कार्य योग्य ज्योतिषाचार्य की सलाह से ही करना चाहिए। शुक्रवार के दिन सफेद कपड़े पहनना, इत्र लगाना और सफेद वस्तुओं का दान करना भी बेहद शुभ माना जाता है। शुक्र के शुभ प्रभाव से दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।