केवल इस्लामिक आस्था का अंक नहीं है 786..
तीन अंकों से बनता है पूरा मंत्र, कई धर्मों की आस्था का है संगम…जानें धार्मिक और साइंटिफिक महत्व
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
हमारे समाज में कुछ मान्यताएँ इतनी गहरी पैठ बना लेती हैं कि वे जीवन का हिस्सा बन जाती हैं। इनमें धर्म से ज्यादा आस्था की भूमिका होती है। ऐसा ही एक चर्चित और लोकप्रिय प्रतीक है 786 का जादुई अंक। कभी पर्स में रखा हुआ, कभी गाड़ी या दुकान के बोर्ड पर चमकता, तो कभी फिल्मों के पर्दे पर ताबीज़ बनकर दिखाई देता है। दरअसल 786 केवल एक संख्या नहीं, बल्कि आस्था और रहस्य का प्रतीक बन चुका है।
इस्लाम और 786 का पवित्र रिश्ता इस्लाम धर्म में 786 को बेहद पाक और बरकत वाला माना जाता है। अरबी-उर्दू में लिखे “बिस्मिल्लाह-उर-रहमान-उर-रहीम” के हर अक्षर को संख्यात्मक मान में बदलने पर योग 786 निकलता है। यही वजह है कि इसे बिस्मिल्लाह का प्रतीक मानकर लोग अपनी जेब, घर और गाड़ियों पर रखते हैं। मान्यता है कि यह अंक मुसीबत से बचाने वाली ढाल है और हर काम में बरकत लाता है।
फिल्मों ने बढ़ाया विश्वास भारतीय सिनेमा में भी 786 का रहस्य खूब उभरा। दीवार में अमिताभ बच्चन का 786 अंक वाला ताबीज़ यादगार बना। इसके बाद कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान उनके गंभीर रूप से घायल होने और चमत्कारिक ढंग से बचने की घटना ने लोगों की सोच में यह विश्वास और गहरा कर दिया कि 786 में सचमुच कोई शक्ति है।
कृष्ण और 786 का अद्भुत मेल रोचक बात यह है कि 786 को श्रीकृष्ण की लीलाओं से भी जोड़ा गया है। कहा जाता है कि उनकी बांसुरी में सात छिद्र थे, वे उसे छह उंगलियों से बजाते थे और वे देवकी के आठवें पुत्र थे। यह क्रम- 7, 6 और 8 मिलकर 786 का रूप लेता है। भक्तों के लिए यह संख्या ईश्वर की कृपा और कृष्ण की मधुर लीलाओं का प्रतिनिधित्व बन गई।
ॐ और 786 का रहस्यमयी संबंध शोधकर्ता राफेल पताई के अनुसार, जब 786 को देवनागरी में ७८६ लिखते हैं तो इसकी आकृति संस्कृत के पवित्र प्रतीक ॐ से मिलती-जुलती प्रतीत होती है। ॐ को हिंदू धर्म में ब्रह्मांड की मूल ध्वनि और सृष्टि की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इस दृष्टि से देखा जाए तो 786 और ॐ दोनों ही पवित्रता और दिव्यता के सूचक बन जाते हैं।
अंक ज्योतिष की दृष्टि से 786 अंक ज्योतिष में सात आध्यात्मिकता और रहस्य, आठ शक्ति और संतुलन, और छह प्रेम व सौंदर्य का प्रतीक है। जब ये तीनों मिलकर 786 बनाते हैं, तो यह आध्यात्मिकता, शक्ति और प्रेम का अद्भुत संगम बन जाता है। विद्वानों का मानना है कि यही वजह है कि 786 सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ अंक है।
आस्था या संयोग ? कुरआन की शुरुआत बिस्मिल्लाह से होती है, और इसी से 786 का गहरा रिश्ता जुड़ता है। पर यही अंक श्रीकृष्ण, ॐ और अंक ज्योतिष से भी जुड़ता है। सवाल यही है कि क्या इसमें कोई वास्तविक जादुई शक्ति है, या यह केवल आस्था का परिणाम है? शायद सच्चाई यह है कि विश्वास ही किसी प्रतीक को शक्ति देता है। जब इंसान किसी अंक या प्रतीक पर भरोसा करता है, तो वही भरोसा उसके लिए सुरक्षा कवच बन जाता है। यानी 786 अपने आप में केवल अंक नहीं, बल्कि कई परंपराओं, धर्मों और आस्थाओं का संगम है, जो विश्वास और श्रद्धा की ताकत को दर्शाता है।