मोक्षदा एकादशी 2025: तिथि को लेकर असमंजस खत्म,
जानें सही व्रत का दिन और नियम
1 months ago Written By: Aniket Prajapati
हिंदू धर्म में हर व्रत और तिथि का अपना महत्व है, लेकिन एकादशी को विशेष स्थान प्राप्त है। साल में कुल 24 एकादशी आती हैं और हर एक का आध्यात्मिक लाभ बताया गया है। मान्यता है कि एकादशी का व्रत रखने से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि बढ़ती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इसी क्रम में आने वाली है मोक्षदा एकादशी, जिसे मोक्ष प्रदान करने वाली तिथि कहा गया है। इस बार तिथि को लेकर लोगों में उलझन बनी हुई थी कि व्रत किस दिन रखा जाए। इस विषय पर उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज ने स्पष्ट जानकारी दी है।
कब मनाई जाएगी मोक्षदा एकादशी?
हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 नवंबर की रात 9:29 बजे से शुरू होकर 1 दिसंबर 2025 की शाम 7:01 बजे तक रहेगी। उदया तिथि को मानते हुए मोक्षदा एकादशी का व्रत 1 दिसंबर 2025, सोमवार को रखा जाएगा। इसी दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।
एकादशी पर क्या न करें—ध्यान रखने योग्य बातें
धार्मिक मान्यता के अनुसार कुछ कार्य इस दिन निषेध माने गए हैं।
एकादशी से एक रात पहले सूर्यास्त के बाद भोजन न करें।
व्रत के दौरान क्रोध, नकारात्मक सोच और किसी की निंदा करने से बचें।
इस दिन अनाज का सेवन वर्जित है। शाम की पूजा के बाद फलाहार किया जा सकता है।
यदि कोई व्रत न रख पाए, तब भी चावल नहीं खाने चाहिए।
रात में जागरण और भजन-कीर्तन करना शुभ माना जाता है।
अगले दिन सुबह विधि के अनुसार व्रत का पारण करें और ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद ही स्वयं भोजन करें।
मोक्षदा एकादशी पर इन मंत्रों का जाप शुभ आचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि के मंत्रों का जाप करने से विशेष पुण्य मिलता है। मुख्य मंत्र: