मोक्षदा एकादशी 2025:
पितरों की मुक्ति और आत्मा की शांति के लिए करें ये आसान उपाय
1 months ago Written By: Aniket prajapati
उत्तर प्रदेश समेत देशभर में 1 दिसंबर 2025 को मोक्षदा एकादशी मनाई जाएगी। इसी दिन गीता जयंती भी होती है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इस पवित्र दिन व्रत और भगवान विष्णु का पूजन करना शुभ माना जाता है। साथ ही इस दिन कुछ विशेष कार्य करने से पितरों की आत्मा को मुक्ति मिलती है और परिवार के सदस्य पितृ दोष से भी मुक्त होते हैं।
पितरों के निमित्त तर्पण करें मोक्षदा एकादशी पर पितरों के लिए तर्पण करना बेहद शुभ है। इसके लिए आप गंगाजल का उपयोग कर सकते हैं। यदि संभव हो तो किसी ब्राह्मण से तर्पण और पिंडदान करवा लें। ऐसा करने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
गीता के अध्यायों का पाठ करें इस दिन गीता का पाठ करना भी बेहद लाभकारी माना जाता है। विशेष रूप से सातवें, ग्यारहवें और अठारहवें अध्याय का पाठ पितरों की मुक्ति और मोक्ष से जुड़ा हुआ है। यदि समय कम हो तो कम से कम एक अध्याय का पाठ अवश्य करें। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
दान और भोजन कर पितरों को प्रसन्न करें हिंदू धर्म में दान का विशेष महत्व है। मोक्षदा एकादशी के दिन अन्न, वस्त्र और दक्षिणा देने से पितृ अतिप्रसन्न होते हैं। आप ब्राह्मणों को भोजन भी करा सकते हैं। इससे पितृ शांति पाते हैं और आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
दीपदान और पीपल के पेड़ तले परिक्रमा मोक्षदा एकादशी पर पितरों के लिए दीपदान करना अत्यंत शुभ है। घर की दक्षिण दिशा में दीप जलाएँ या किसी पवित्र नदी में दीप जलाकर प्रवाहित करें। साथ ही पीपल के पेड़ तले दीप जलाकर 11 बार परिक्रमा करने से पितृ प्रसन्न होकर आपके जीवन की कठिनाइयों का अंत करते हैं।