शारदीय नवरात्रि में माता रानी को दिन के हिसाब से लगायें भोग,
यहां जानें पूरी डिटेल
7 days ago Written By: ANJALI
सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है। इस साल यह पावन पर्व 22 सितंबर 2025 से शुरू होकर नौ दिनों तक चलेगा। इन दिनों श्रद्धालु पूरे विधि-विधान और भक्ति भाव से व्रत रखते हैं तथा मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता है कि नवरात्रि में मां के अलग-अलग रूपों को उनके प्रिय भोग अर्पित करने से सुख-समृद्धि मिलती है और साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
आइए जानते हैं कि नवरात्रि के नौ दिनों में कौन-सा भोग मां दुर्गा को अर्पित करना चाहिए –
पहला दिन: मां शैलपुत्री
नवरात्रि का आरंभ मां शैलपुत्री की पूजा से होता है। इस दिन देवी को घी का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है। इससे साधक को स्वास्थ्य लाभ और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी
दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। इन्हें मिश्री या चीनी का भोग लगाना उत्तम है। मान्यता है कि इससे आयु लंबी होती है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
तीसरा दिन: मां चंद्रघंटा
तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है। इस दिन देवी को दूध से बनी मिठाई जैसे खीर या बर्फी अर्पित करने से दुख-दर्द मिटते हैं और घर में शांति का वास होता है।
चौथा दिन: मां कुष्मांडा
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की उपासना की जाती है। इन्हें मालपुआ का भोग अर्पित करना विशेष फलदायी माना गया है। इससे बुद्धि और विवेक की वृद्धि होती है।
पांचवा दिन: मां स्कंदमाता
पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है। इस दिन देवी को केले का भोग चढ़ाने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और संतान संबंधी चिंताएं समाप्त होती हैं।
छठा दिन: मां कात्यायनी
छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा का विधान है। इन्हें शहद का भोग अर्पित करने से वैभव, सम्मान और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
सातवां दिन: मां कालरात्रि
सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। इस दिन गुड़ या गुड़ से बनी चीजें अर्पित करने से भय और संकट दूर हो जाते हैं और साधक निर्भय बनता है।
आठवां दिन: मां महागौरी
आठवें दिन मां महागौरी की आराधना की जाती है। इस दिन नारियल या नारियल से बनी मिठाइयां अर्पित करने से सौभाग्य और संपन्नता का आशीर्वाद मिलता है।
नौवां दिन: मां सिद्धिदात्री
नवरात्र का अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित होता है। इस दिन हलवा-पूरी और चने का भोग लगाने से सफलता, सिद्धि और कार्यों में उन्नति प्राप्त होती है।