इस साल दो दिन है निर्जला एकादशी,
जानिए व्रत की सही तारीख और नियम
6 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Nirjala Ekadashi 2025: हर साल निर्जला एकादशी का व्रत श्रद्धालु बड़ी आस्था के साथ रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन रखा गया व्रत पूरे साल की सभी एकादशियों के बराबर फल देता है। इसीलिए इसे सबसे महत्वपूर्ण एकादशी माना जाता है। लेकिन इस साल निर्जला एकादशी की तिथि को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति बन गई है। कुछ पंचांग इसे 6 जून तो कुछ 7 जून को बता रहे हैं। ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि व्रत किस दिन रखा जाए और पारण कब करें। इस बारे में ज्योतिषाचार्य पं श्यामधर शुक्ल ने विस्तार से जानकारी दी है।
ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को रखा जाता है निर्जला एकादशी व्रत
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, निर्जला एकादशी व्रत ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस बार यह तिथि 6 जून को रात 2:15 बजे से शुरू होकर 7 जून की सुबह 4:47 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार व्रत 6 जून को ही रखा जाएगा। लेकिन एकादशी का हरिवासर 7 जून को सुबह 11:25 बजे तक है। इसका मतलब यह है कि पारण, यानी व्रत खोलने का समय 7 जून को सूर्योदय के बाद संभव नहीं है।
इस बार दो दिन मनाया जाएगा निर्जला एकादशी व्रत
इस बार हरिवासर के कारण व्रत दो दिन मनाया जाएगा। गृहस्थ लोग 6 जून को व्रत रखकर 7 जून को दोपहर में हरिवासर समाप्त होने के बाद पारण करेंगे। वहीं वैष्णव समुदाय 7 जून को व्रत रखेंगे और 8 जून को सूर्योदय के बाद पारण करेंगे। द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले पारण करना आवश्यक होता है।
6 जून को व्रत रखने वाले सूर्योदय से पहले ग्रहण करें जल
जो लोग 6 जून को व्रत रखेंगे, उन्हें सूर्योदय से पहले यानी सुबह 5:23 बजे से पहले पानी पी लेना चाहिए। व्रत के अगले दिन 7 जून को भी सूर्योदय के बाद तुरंत पानी नहीं पी सकते क्योंकि हरिवासर पूरा नहीं होगा। ऐसे में दोपहर 1:44 बजे से 4:31 बजे के बीच पारण के समय ही जल ग्रहण करें।
व्रत और पूजा के लिए समय का रखें विशेष ध्यान
6 जून को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:02 से 4:42 बजे तक और अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:52 से 12:48 तक रहेगा। वहीं 7 जून को द्विपुष्कर योग सुबह 5:23 से 9:40 बजे तक और सर्वार्थ सिद्धि योग अगले दिन सुबह 5:23 बजे तक रहेगा। राहुकाल के समय यानी 6 जून को 10:36 से 12:20 और 7 जून को 8:51 से 10:36 तक कोई शुभ कार्य न करें।