पिठोरी अमावस्या पर बन रहे है से शुभ योग,
जानें तिथि और मुहूर्त
1 months ago
Written By: anjali
सनातन धर्म में पिठोरी अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन माता पार्वती और 64 योगिनियों की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन के कष्ट और संकट भी दूर हो जाते हैं। इस दिन पितरों के तर्पण और पिंडदान का भी खास महत्व है।
पिठोरी अमावस्या 2025 की तिथि और मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि प्रारंभ: 22 अगस्त 2025 को सुबह 11:55 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त: 23 अगस्त 2025 को सुबह 11:35 बजे
इस प्रकार पिठोरी अमावस्या 22 अगस्त 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी।
स्नान-दान और पूजा का समय
पिठोरी अमावस्या के दिन प्रदोष काल का विशेष महत्व है। इस वर्ष प्रदोष मुहूर्त:
शुभ समय: शाम 06:53 से रात 09:06 बजे तक
इस अवधि में देवी मां पार्वती और 64 योगिनियों की पूजा करने से साधक को शुभ फल प्राप्त होंगे। पूजा के बाद श्रद्धा अनुसार दान करना विशेष रूप से फलदायी माना गया है।
पिठोरी अमावस्या पर बन रहे शुभ योग
इस वर्ष पिठोरी अमावस्या पर वरीयान योग और शिववास योग का संयोग बन रहा है। मान्यता है कि इस विशेष योग में भगवान शिव कैलाश पर माता पार्वती संग विराजमान रहते हैं। इस समय की गई पूजा और व्रत से जीवन में सुख-शांति आती है और सभी प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती हैं।
व्रत और पूजा का महत्व
संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना हेतु यह व्रत किया जाता है।
64 योगिनियों की पूजा से विशेष कार्यों में सफलता मिलती है।
पितरों के तर्पण और पिंडदान से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 53 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 26 मिनट से 04 बजकर 31 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 47 मिनट से 05 बजकर 10 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 53 मिनट से 07 बजकर 15 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - देर रात 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 16 मिनट तक