बिहार के इस मंदिर में मूर्तियां करती है आपस में बात,
जानें क्या है इस मंदिर का राज
1 months ago Written By: ANJALI
बिहार में बक्सर जिले का एक मंदिर धार्मिक आस्था और रहस्यों के लिए काफी प्रसिद्ध है। विज्ञान भले ही चांद और मंगल पर पानी खोजने की कोशिश कर रहा हो, लेकिन इस मंदिर में छिपा रहस्य आज भी चर्चा का विषय बना हुआ है। यहाँ मान्यता है कि मंदिर के अंदर स्थापित मूर्तियां आधी रात को आपस में बातचीत करती हैं।
मंदिर की खासियत और तांत्रिक महत्व
बक्सर के डुमरांव में स्थित राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर तंत्र साधना के लिए काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर में कभी भी कलश की स्थापना नहीं की जाती, चाहे वह शारदीय हो या चैत्र नवरात्रि। मंदिर में यह परंपरा तंत्र साधकों की इच्छाओं की पूर्ति और रहस्यमय क्रियाओं के लिए बनी हुई है।
मंदिर में स्थापित देवी-देवता
मंदिर में प्रमुख रूप से राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी माता की मूर्ति स्थापित है। इसके साथ ही यहाँ मां बगलामुखी, तारा देवी और पांचों भैरव – दत्तात्रेय भैरव, बटुक भैरव, अन्नापूर्णा भैरव, काल भैरव और मातंगी भैरव की मूर्तियां भी मौजूद हैं।
सिर्फ इन्हीं तक सीमित नहीं, मंदिर में काली, त्रिपुर भैरवी, धुमावती, तारा, छिन्नमस्तिका, षोड़सी, मातंगड़ी, कमला, उग्र तारा और भुवनेश्वरी सहित कुल 10 महाविद्याएं भी स्थापित हैं। यही कारण है कि यह मंदिर साधकों और श्रद्धालुओं के बीच विशेष आस्था का केंद्र माना जाता है।
मंदिर का इतिहास
राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर की स्थापना लगभग 400 साल पहले तांत्रिक भवानी मिश्र द्वारा की गई थी। तब से लेकर आज तक उनके परिवार के सदस्य पुजारी की भूमिका निभाते आ रहे हैं। पुजारी बताते हैं कि मंदिर में प्रमुख देवी-देवताओं को सूखे मेवे का प्रसाद अर्पित किया जाता है और कलश की परंपरा यहां नहीं होती।
आधी रात का रहस्य
मंदिर की सबसे अनोखी बात यह है कि आधी रात के समय मूर्तियों से बातचीत की आवाज आती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के अंधेरे में ऐसा प्रतीत होता है जैसे मंदिर में दो लोग आपस में चर्चा कर रहे हों। इस रहस्य ने मंदिर को और भी आकर्षक और चमत्कारिक बना दिया है। बक्सर का यह मंदिर आज भी धार्मिक और रहस्यमय आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, जहाँ श्रद्धालु न केवल देवी-देवताओं की पूजा करते हैं बल्कि इस अद्भुत रहस्य को भी देखने और अनुभव करने आते हैं। यह भी देखें-