रक्षाबंधन पर बन रहा है इस साल दुर्लभ योग,
जानें क्यों खास है रक्षाबंधन 2025
24 days ago
Written By: anjali
रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट प्रेम और सुरक्षा के वचन का पर्व है, जिसे हर साल सावन पूर्णिमा के दिन पूरे देश में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस साल रक्षाबंधन 9 अगस्त 2025, शनिवार को मनाया जाएगा। लेकिन खास बात यह है कि इस बार का रक्षाबंधन बेहद खास और ऐतिहासिक बन गया है, क्योंकि लगभग 95 साल बाद वही संयोग बन रहा है जो साल 1930 में बना था।
क्या है इस बार का दुर्लभ महासंयोग?
ज्योतिषीय दृष्टि से देखें तो 2025 के रक्षाबंधन पर वही तिथि, दिन, नक्षत्र और योग बन रहे हैं जो 1930 में थे। साल 1930 में भी रक्षाबंधन 9 अगस्त, शनिवार को पड़ा था और पूर्णिमा तिथि की शुरुआत दोपहर 2:07 बजे हुई थी। इस साल भी पूर्णिमा तिथि 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे तक रहेगी, जिसकी शुरुआत 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे होगी। दोनों वर्षों में केवल 5 मिनट का ही अंतर है।
इस बार रक्षाबंधन पर बन रहे हैं कई शुभ योग
सौभाग्य योग: 9 अगस्त को यह योग रहेगा और रात 2:15 बजे तक प्रभावी रहेगा।
शोभन योग: सौभाग्य योग के बाद यह योग बन रहा है।
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 5:47 मिनट से दोपहर 2:23 मिनट तक रहेगा।
श्रवण नक्षत्र: दोपहर 2:23 मिनट तक रहेगा।
करण योग: बव और बालव करण भी इस दिन बन रहे हैं।
इन सभी शुभ योगों में राखी बांधने से भाई-बहन को सुख, समृद्धि और जीवनभर की सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन पर राखी बांधने का सबसे उत्तम समय 9 अगस्त को सुबह 5:21 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक है। इस दौरान बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। इस मुहूर्त के दौरान भद्रा नहीं होगी, जो कि शुभ कार्यों के लिए वर्जित मानी जाती है।
क्यों खास है रक्षाबंधन 2025?
95 साल बाद बन रहा है ऐसा संयोग
वही तिथि, दिन, नक्षत्र और योग जो 1930 में थे
कई शुभ योगों का संयोग एक ही दिन
लक्ष्मी-नारायण की पूजा से मिल सकता है दोगुना पुण्यफल
रक्षाबंधन 2025 न केवल भावनात्मक रूप से खास है, बल्कि ज्योतिष के लिहाज से भी अत्यंत शुभ और दुर्लभ है। यदि इस दिन शुभ मुहूर्त में राखी बांधी जाए और साथ ही लक्ष्मी-नारायण की पूजा की जाए, तो यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते में और भी मजबूती लाने वाला सिद्ध होगा।