रमा एकादशी 2025: दीपावली से पहले आने वाला शुभ व्रत,
जानें तिथि, पूजा विधि और महत्व
10 days ago Written By: Aniket Prajapati
रमा एकादशी का व्रत हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और दीपावली से पहले आने के कारण इसका धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। मान्यता है कि जो भक्त रमा एकादशी का व्रत पूरी श्रद्धा से रखते हैं, उनके सभी दुख दूर होते हैं और उनके जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं और माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।
रमा एकादशी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 में रमा एकादशी का व्रत 16 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 37 मिनट से शुरू होकर 17 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, रमा एकादशी व्रत 17 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) को रखा जाएगा। इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की आराधना करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।
रमा एकादशी व्रत और पूजा विधि
रमा एकादशी के दिन व्रत रखने वाले भक्तों को प्रातःकाल सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान कर लेना चाहिए। इसके बाद स्वच्छ और हल्के रंग के वस्त्र विशेष रूप से पीले या सफेद धारण करने चाहिए। पूजा स्थल को शुद्ध जल या गंगाजल से पवित्र करें और भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को फल, फूल, तुलसी पत्र, मिठाई और दीप अर्पित करें। इसके बाद विधि-विधान से पूजा आरंभ करें। पूजा के दौरान विष्णु सहस्रनाम या श्रीसूक्त पाठ का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। भक्त चाहें तो "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। पूजा के अंत में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें और एकादशी व्रत कथा का पाठ करें।
रमा एकादशी का महत्व रमा एकादशी को लक्ष्मी प्रिय एकादशी भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से जीवन में चल रही सभी बाधाएं दूर होती हैं और घर में धन-धान्य का आगमन होता है। जो व्यक्ति रमा एकादशी का व्रत रखता है, उसे भगवान विष्णु के आशीर्वाद से भौतिक और आध्यात्मिक दोनों सुख प्राप्त होते हैं। यह एकादशी न केवल पापों से मुक्ति देती है, बल्कि दीपावली से पहले घर में शुभता और सकारात्मकता का संचार भी करती है।