घर में चूहों की बढ़त: शकुन शास्त्र का अलार्म,
राहु-शनि और आर्थिक खतरे का संकेत
1 months ago Written By: अनिकेत प्रजापति
अगर आपके घर में अचानक चूहों की संख्या बढ़ गई है तो इसे हल्के में न लें। शकुन शास्त्र और ज्योतिषियों के अनुसार घर में चूहों की भरमार राहु और शनि के अशुभ प्रभाव का संकेत हो सकती है। यह न सिर्फ वास्तु दोष बढ़ाती है बल्कि आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की ओर इशारा भी करती है। पौराणिक दृष्टि से चूहा गणेश जी का वाहन है, पर जब वही घर में बिल बना ले तो शुभ नहीं माना जाता। चूहों की बढ़त से न केवल सामान को नुकसान होता है, बल्कि परिवार में तनाव, दुश्मन सक्रिय होना और कर्ज-आर्थिक संकट जैसी समस्याएँ भी आ सकती हैं।
राहु-शनि के प्रभाव का संकेत ज्योतिषियों का मानना है कि अचानक चूहों की संख्या बढ़ना राहु और शनि के कुप्रभाव को दर्शाता है। ये ग्रह जीवन में भ्रम, विवाद और दुर्भाग्य लाते हैं। ऐसे समय में परिवार में मनोवैज्ञानिक तनाव, अनबन और निर्णयों में बाधा बढ़ सकती है।
वास्तु दोष और नकारात्मक ऊर्जा चूहे घर में वास्तु दोष का सूचक माने जाते हैं। वे घर में नकारात्मक ऊर्जा लाते हैं, जिससे नींद, मानसिक शांति और सामान्य स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। कपड़े, किताबें और राशन को कुतरना भी इसी नकारात्मकता के संकेत हैं।
आर्थिक और कानूनी जोखिम चूहों की बढ़त आर्थिक संकट का संकेत भी है — पैसों का अचानक नुकसान, निवेश में बाधा और कर्ज बढ़ने की आशंका बताई जाती है। अगर चूहे बड़े या काले हों तो शकुन शास्त्र के अनुसार गुप्त शत्रु या कोर्ट-किस्से की संभावना भी नजर आती है।
क्या करें — तुरंत उपाय जरूरी विशेषज्ञों और वास्तु सलाहकारों की सलाह के अनुसार:
स्वच्छता रखें; कचरा तुरंत निकालें।
घर की दीवारों, दरारों और पाइपों को बंद कराएँ।
रसोई और राशन की सावधानी: अनाज अच्छे कंटेनर में रखें।
चूहेदानी (ट्रैप) या पेशेवर पेट कंट्रोल सेवा लें।
प्राकृतिक नुस्खे: पुदीना, लौंग, नीलगिरी तेल, केले का छिलका आदि कुछ मामलों में सहायक माने जाते हैं।
शारीरिक नुकसान से बचें: बिजली की तारें और खाने-पीने की वस्तुएँ सुरक्षित रखें।
निवारक दृष्टिकोण और चेतावनी चूहे समय पर न हटाएँ तो समस्या और बढ़ती है। न केवल संपत्ति का नुकसान होगा, बल्कि स्वास्थ्य (सांप-जुखाम, एलर्जी) और मनोबल पर असर भी पड़ेगा। इसलिए जल्दी कदम उठाना आवश्यक है — साफ-सफाई, बीहड़ स्थानों को ठीक करना और जरूरत पड़े तो विशेषज्ञ बुलाना सबसे सुरक्षित रास्ता है।