शाम के 48 पवित्र मिनट: प्रेमानंद महाराज ने बताया,
संध्या समय में क्या करें और क्या नहीं
2 months ago Written By: Aniket Prajapati
प्रेमानंद महाराज जी से एकांतिक वार्तालाप के दौरान भक्त अक्सर जीवन, अध्यात्म और दैनिक नियमों से जुड़े कई सवाल पूछते हैं। महाराज जी बड़े ही सरल और स्पष्ट शब्दों में सभी का मार्गदर्शन करते हैं। हाल ही में एक भक्त ने उनसे पूछा कि संध्या के समय भोजन से क्यों परहेज किया जाता है, संध्या का सही समय क्या है और इस समय हमें क्या करना चाहिए या क्या नहीं करना चाहिए।
सूर्यास्त के 48 मिनट क्यों पवित्र माने जाते हैं महाराज जी ने बताया कि सूर्यास्त से 24 मिनट पहले और 24 मिनट बाद का समय, यानी कुल 48 मिनट का अंतराल, अध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस दौरान भोजन, सहवास और अन्य सांसारिक क्रियाएँ निषिद्ध मानी जाती हैं। महाराज जी के अनुसार, इस समय को शांत भाव में बिताना चाहिए और भगवान सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित कर गायत्री मंत्र, गुरु मंत्र या नाम जप करना चाहिए भोजन इस समय से पहले या बाद में किया जा सकता है। लेकिन अगर संध्या के 48 मिनट के दौरान कोई कार्य पहले से जारी है, तो उसे आवश्यकतानुसार पूरा किया जा सकता है। इसके साथ ही थोड़ी देर का समय निकालकर मंत्र जाप अवश्य करना चाहिए, क्योंकि यह समय अध्यात्मिक प्रगति और मानसिक शांति के लिए बहुत शुभ होता है।
प्रेमानंद महाराज से मिलने का तरीका जो भक्त सीधे महाराज जी से मार्गदर्शन लेना चाहते हैं, उन्हें वृंदावन स्थित 'श्री हित राधा केलि कुंज' आश्रम जाना होगा। यहां महाराज जी की एकांतिक वार्तालाप में शामिल होने के लिए सुबह 9 बजे से टोकन वितरण शुरू होता है। टोकन लेने के लिए आधार कार्ड दिखाकर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। एकांतिक वार्तालाप सुबह 6:30 बजे से शुरू होता है और भक्त इस समय में अपने आध्यात्मिक सवालों का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।