आज लगेगा साल का आखिरी सूर्यग्रहण,
जानें भारत में दिखेगा या नहीं
3 days ago Written By: ANJALI
21 सितंबर 2025 को सर्वपितृ अमावस्या मनाई जा रही है। वैदिक मान्यताओं के अनुसार यह तिथि पूर्वजों को तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करने के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। ऐसा करने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है और साधक को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इस दिन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इसी दिन साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है।
सूर्य ग्रहण की तिथि और समय
इस बार का सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा और 22 सितंबर की रात 3 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा। यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और भारत में दिखाई नहीं देगा। भले ही यह दृश्य न हो, लेकिन धार्मिक दृष्टि से इसके नियमों का पालन करना आवश्यक माना गया है।
सूर्य ग्रहण में क्या करना चाहिए
ग्रहण के समय मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और भोजन को सुरक्षित रखने के लिए उसमें तुलसी के पत्ते डालने की परंपरा है। माना जाता है कि तुलसी डालने से भोजन पर ग्रहण का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। इस अवधि में मंत्रजाप और ध्यान करना विशेष फलदायी माना गया है। ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करके शुद्धि करना चाहिए, साथ ही घर और मंदिर की सफाई कर गंगाजल का छिड़काव करना भी जरूरी है। इसके बाद दान-पुण्य करने से ग्रहण काल का दोष दूर हो जाता है।
सूर्य ग्रहण में क्या नहीं करना चाहिए
धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्य ग्रहण के समय पूजा-अर्चना नहीं करनी चाहिए और न ही देवी-देवताओं की मूर्ति को स्पर्श करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं के लिए यह समय विशेष सावधानी का होता है, इसलिए उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। इसके अलावा इस दौरान नुकीली वस्तुओं का उपयोग करना और किसी भी तरह का शुभ कार्य शुरू करना वर्जित है। ग्रहण की अवधि में भोजन करने से भी परहेज़ करना चाहिए। सर्वपितृ अमावस्या और सूर्य ग्रहण का यह संयोग बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दिन परंपराओं और धार्मिक नियमों का पालन करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में आने वाले नकारात्मक प्रभावों से भी मुक्ति मिलती है।