2027 में बदलेगी किस्मत: कुंभ राशि पर शनि साढ़े साती का अंत,
2028 में मिलेगी पूरी मुक्ति
1 months ago
Written By: Aniket Prajapati
कुंभ राशि वालों के लिए आने वाला समय बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लंबे समय से चल रही शनि की साढ़े साती अब अपने अंतिम चरण में है। ज्योतिष के अनुसार, जैसे ही शनि अपनी वर्तमान स्थिति से निकलकर 2027 में मेष राशि में प्रवेश करेंगे, कुंभ राशि के जातकों को इसका बड़ा असर दिखाई देगा। इस बदलाव के बाद इनके जीवन में राहत, प्रगति और स्थिरता की शुरुआत होगी। हालांकि इस दौरान एक बार फिर शनि थोड़ा पीछे लौटेंगे, जिससे कुंभ पर दोबारा साढ़े साती लगेगी, लेकिन यह प्रभाव पहले की तुलना में कम रहेगा। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि 2028 में कुंभ राशि वालों को पूरी तरह इस दशा से मुक्ति मिल जाएगी।
शनि कब बदलेंगे राशि और कब खत्म होगी साढ़े साती?
शनि 3 जून 2027 को मेष राशि में प्रवेश करेंगे। जैसे ही शनि इस नए स्थान पर आएंगे, कुंभ राशि वालों की साढ़े साती समाप्त हो जाएगी और लोगों को राहत मिलेगी। लेकिन 2027 में ही एक और बड़ा बदलाव होगा। 20 अक्टूबर 2027 को शनि दोबारा अपनी चाल बदलकर मीन राशि में लौट आएंगे। इसके कारण कुंभ राशि पर फिर से साढ़े साती शुरू हो जाएगी। हालांकि ज्योतिष के अनुसार इस बार इसका प्रभाव उतना कठोर नहीं होगा। इसके बाद 23 फरवरी 2028 को शनि फिर से मेष राशि में वापस आएंगे। इस समय कुंभ राशि वालों को साढ़े साती से पूर्ण मुक्ति मिल जाएगी।
शनि साढ़े साती खत्म होते ही कुंभ वालों की चमक उठेगी किस्मत
जैसे ही शनि का असर कम होगा, जीवन में सकारात्मक बदलाव दिखने लगेंगे। करियर में स्थिरता आएगी और रुके हुए काम पूरे होंगे। नौकरी बदलने और प्रमोशन के अच्छे अवसर बनेंगे। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और रुका हुआ पैसा वापस मिल सकता है। निवेश से लाभ मिलने की भी संभावना रहेगी। व्यक्तित्व में आत्मविश्वास बढ़ेगा और निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होगी। मानसिक उलझनें कम होंगी और भावनात्मक रूप से व्यक्ति हल्का महसूस करेगा। रिश्तों में सुधार होगा और वैवाहिक जीवन में भी मधुरता आएगी।
कुंभ राशि वाले शनि को कैसे प्रसन्न करें?
ज्योतिष में शनि की शांति के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं।
- “ऊँ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें।
- पीपल या शमी के पेड़ को जल चढ़ाएं।
- जरूरतमंदों को काला कपड़ा, काली उड़द या सरसों के तेल का दान करें।
- भगवान शिव और हनुमान जी की नियमित उपासना करें।