शनिदेव की कृपा से दूर होंगे सारे दुख! शनिवार को करें यह सरल उपाय,
पाएं न्याय और आशीर्वाद
14 days ago Written By: अनिकेत प्रजापति
हिंदू धर्म में नवग्रहों का विशेष महत्व माना गया है। इन नौ ग्रहों में शनि ऐसा नाम है, जिसका ज़िक्र आते ही कई लोगों के मन में भय उत्पन्न हो जाता है। लेकिन सच्चाई यह है कि शनि देव डरने के नहीं, बल्कि न्याय के देवता हैं। वे मनुष्य के अच्छे और बुरे दोनों कर्मों का सटीक फल देते हैं। यही कारण है कि उन्हें न्यायाधीश, दंडनायक और यमराज तक कहा गया है। वास्तव में शनिदेव का उद्देश्य किसी को कष्ट देना नहीं, बल्कि जीवन में संतुलन और धर्म की स्थापना करना है।
बहुत से लोग अपनी परेशानियों या जीवन की रुकावटों का कारण शनि की वक्री चाल, ढैय्या या साढ़ेसाती को मान लेते हैं। हालांकि ऐसा हर बार नहीं होता। ज्योतिष शास्त्र में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि व्यक्ति सच्चे मन से अपने कर्मों में सुधार लाए और शनिदेव की पूजा श्रद्धा से करे, तो वही शनि उसकी रक्षा भी करते हैं और सफलता के मार्ग खोलते हैं।
शनिदेव को कैसे करें प्रसन्न ? शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनिवार का दिन विशेष माना गया है। इस दिन कुछ आसान उपायों से शनि की प्रसन्नता प्राप्त की जा सकती है। इन उपायों में सबसे प्रभावशाली माना गया है शनिदेव की आरती का गान। सनातन परंपरा के अनुसार, शनिवार के दिन श्रद्धा और विश्वास के साथ शनिदेव की आरती करने से मनुष्य के जीवन से न केवल दुख-दर्द दूर होते हैं, बल्कि उसके कार्य भी सिद्ध होने लगते हैं।
शनिदेव की आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनिदेव॥
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनिदेव॥
क्रीट मुकुट शीश राजित, दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनिदेव॥
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा, तिल, तेल, उड़द – महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनिदेव॥
देव, दनुज, ऋषि, मुनि सुमिरत नर-नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान, शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनिदेव॥
शनिवार के दिन इस आरती का पाठ करने से शनि की ढैय्या, साढ़ेसाती और वक्री चाल का प्रभाव कम होता है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति शनिदेव की पूजा में तिल, तेल, काला वस्त्र और लोहा अर्पित करता है, उस पर शनि की विशेष कृपा बरसती है।इसलिए अब शनिदेव से डरें नहीं, बल्कि उन्हें न्याय का प्रतीक मानकर श्रद्धा और भक्ति से पूजें। क्योंकि जब शनि प्रसन्न होते हैं, तो जीवन के हर क्षेत्र में सुख, सफलता और समृद्धि का वरदान मिलता है।