नवरात्रि में जानें मां के नौ दिव्य स्वरूप,
साथ ही जानें उनका स्वरुप
1 months ago Written By: ANJALI
हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। अश्विन मास के शुक्ल पक्ष में आने वाला यह पावन पर्व पूरे भारत में श्रद्धा और उत्साह का अद्भुत संगम लेकर आता है। माना जाता है कि इन नौ दिनों में मां दुर्गा अपने नौ दिव्य स्वरूपों के साथ पृथ्वी पर विराजमान होकर भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025, सोमवार से शुरू होकर 2 अक्टूबर 2025, गुरुवार तक मनाई जाएगी।
नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना या कलश स्थापना से होती है और इसके साथ ही भक्तगण उपवास, पूजा और भजन-संकीर्तन में लीन होकर मां के प्रति अपनी भक्ति अर्पित करते हैं। हर दिन मां के अलग-अलग स्वरूप की पूजा की जाती है, जिनका महत्व और विशेषता अलग होती है।
नवरात्रि के नौ दिव्य स्वरूप और उनका महत्व
1. पहली नवरात्रि – मां शैलपुत्री
मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री और शक्ति का प्रतीक हैं। उनकी पूजा से भक्तों को मानसिक शांति, धैर्य और पारिवारिक सुख प्राप्त होता है।
2. दूसरी नवरात्रि – मां ब्रह्मचारिणी
यह स्वरूप तपस्या, संयम और ज्ञान का प्रतीक है। मां ब्रह्मचारिणी की आराधना से अध्ययन में सफलता, आत्मबल और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।
3. तीसरी नवरात्रि – मां चंद्रघंटा
सिंहवाहिनी और मस्तक पर अर्धचंद्र धारण करने वाली मां चंद्रघंटा वीरता और साहस की देवी हैं। उनकी उपासना से भय और नकारात्मक ऊर्जा दूर होकर साहस और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है।
4. चौथी नवरात्रि – मां कूष्मांडा
मां कूष्मांडा सृष्टि और ऊर्जा की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। उनका प्रकाशमान रूप जीवन में स्वास्थ्य, नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार करता है।
5. पांचवीं नवरात्रि – मां स्कंदमाता
मां स्कंदमाता करुणा और मातृत्व की प्रतीक हैं। पुत्र स्कंद (कार्तिकेय) के साथ विराजमान यह स्वरूप संतान सुख, परिवार में सौहार्द और माता-पिता का आशीर्वाद प्रदान करता है।
6. छठी नवरात्रि – मां कात्यायनी
मां कात्यायनी को शक्ति और वीरता का स्वरूप माना जाता है। युद्धरत देवी की तरह वे भक्तों को विपरीत परिस्थितियों में साहस, आत्मविश्वास और कष्टों से मुक्ति प्रदान करती हैं।
7. सातवीं नवरात्रि – मां कालरात्रि
यह स्वरूप अज्ञान, भय और नकारात्मक शक्तियों का नाश करता है। उनका भयंकर रूप भक्तों की रक्षा करता है और जीवन से दुख एवं संकट को दूर करता है।
8. आठवीं नवरात्रि – मां सिद्धिदात्री
मां सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों और दिव्य शक्तियों की दात्री हैं। उनकी उपासना से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में समृद्धि तथा सफलता मिलती है।
9. नौवीं नवरात्रि – मां महागौरी
मां महागौरी का स्वरूप शांति, सौंदर्य और पवित्रता का प्रतीक है। उनकी पूजा से आत्मा शुद्ध होती है और जीवन में सुख-समृद्धि तथा सौभाग्य का आगमन होता है।