नवरात्रि में अपनायें ये वास्तु टिप्स,
माता रानी हो जायेंगे प्रसन्न
1 months ago Written By: ANJALI
शारदीय नवरात्र 2025 की शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है और इसका समापन 2 अक्टूबर को होगा। इस पावन पर्व पर माता रानी के स्वागत के साथ-साथ घर में वास्तु नियमों का पालन करना भी बेहद शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, सुख-समृद्धि का आगमन होता है और शनि देव की कृपा भी बनी रहती है। आइए जानते हैं नवरात्र के दौरान अपनाए जाने वाले कुछ जरूरी वास्तु टिप्स।
दक्षिण-पश्चिम दिशा की सफाई
माता रानी के आगमन से पहले घर और मंदिर की अच्छी तरह सफाई करनी चाहिए। खासतौर पर घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा पर ध्यान दें, क्योंकि इसे शनि का क्षेत्र माना जाता है। इस कोने में टूटा हुआ सामान, कबाड़ या भारी वस्तुएं रखने से बचें। यहां आप अपने कीमती गहने और जरूरी कागजात रख सकते हैं, जिससे सकारात्मक प्रभाव मिलता है।
मुख्य द्वार के वास्तु नियम
वास्तु शास्त्र में घर का मुख्य द्वार सबसे महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है, क्योंकि यहीं से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
मेन गेट हमेशा साफ रखें।
गेट पर कूड़ेदान, झाड़ू या गंदगी न रखें।
मुख्य द्वार बिना आवाज के खुलना चाहिए।
नवरात्र में हर शाम मुख्य द्वार पर दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है। इससे घर में समृद्धि आती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।
अखंड ज्योत और दीपक का महत्व
अगर आप नवरात्र में अखंड ज्योत जला रहे हैं, तो इसे हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए। इसके अलावा, हर शाम घर के चारों कोनों में दीपक जलाना भी बेहद लाभकारी होता है। ऐसा करने से नकारात्मकता खत्म होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
बेकार सामान घर से बाहर करें
नवरात्र से पहले घर में पड़ी बेकार चीजों को निकाल देना चाहिए। पुराने और अनुपयोगी सामान घर में नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं।
दान का महत्व
नवरात्र के दिनों में जरूरतमंदों को काले तिल, उड़द की दाल और भोजन का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं और जीवन की कई बाधाएं दूर हो जाती हैं।