सिर्फ पैसा ही नहीं, रिश्ते भी हैं ज़रूरी, ज़िंदगी की असली पहचान रिश्तों से बनती है,
न कि सिर्फ कामयाबी से
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Value Of Relations: हर इंसान की ख्वाहिश होती है कि वह ज़िंदगी में आगे बढ़े, नाम कमाए और आर्थिक रूप से मज़बूत बने। लेकिन क्या सिर्फ पैसा कमाना ही ज़िंदगी का मकसद है? जानकारों का मानना है कि इंसान की पहचान उसकी कामयाबी से नहीं, बल्कि उसके रिश्तों से होती है। रिश्ते ही वो ताक़त होते हैं जो मुश्किल वक्त में सहारा बनते हैं और अच्छे समय को और बेहतर बना देते हैं। अगर कोई व्यक्ति सच में आगे बढ़ना चाहता है, तो उसे सबसे पहले अपने रिश्ते मज़बूत करने चाहिए।
प्रेम और इज़्ज़त से बनते हैं भरोसे के रिश्ते
जब हम दूसरों से प्रेम से बात करते हैं, उनकी बातों को ध्यान से सुनते हैं और उन्हें इज़्ज़त देते हैं, तो एक भरोसे का रिश्ता बनता है। यह भरोसा धीरे-धीरे गहराता है और समय के साथ हमारे लिए एक बड़ी ताक़त बन जाता है। ऐसा व्यवहार करने वाले लोग हर जगह सम्मान पाते हैं और अकेलेपन से भी बचे रहते हैं।
घर के रिश्तों को नजरअंदाज़ करना ठीक नहीं
अक्सर देखा गया है कि लोग बाहर की दुनिया में तो सबको अच्छा व्यवहार दिखाते हैं, लेकिन घर के लोगों को अनदेखा कर देते हैं। खासतौर पर जीवनसाथी को वह सम्मान और समझ नहीं दे पाते, जिसकी उसे ज़रूरत होती है। एक महिला जब विवाह के बाद अपने नए जीवन की शुरुआत करती है, तो वह सिर्फ घर नहीं, बल्कि अपनी पूरी दुनिया बदल देती है। ऐसे में अगर उसका जीवनसाथी उसकी बातों को न सुने या उसे समझने की कोशिश न करे, तो वह बहुत दर्दनाक होता है।
नाराज़गी में भी रिश्तों का सम्मान ज़रूरी
पति-पत्नी का रिश्ता सिर्फ एक ज़िम्मेदारी नहीं होता, यह एक साथ चलने की साझेदारी होती है। अगर पत्नी कभी ग़लती कर भी दे या किसी बात से नाराज़ हो जाए, तब भी उसे इज़्ज़त देना नहीं छोड़ना चाहिए। रिश्ते शब्दों से नहीं, व्यवहार से निभाए जाते हैं।
रिश्तों की मिठास ही है असली पूंजी
इसी तरह माता-पिता, भाई-बहन, दोस्त और सहकर्मी सभी से मधुर और ईमानदार व्यवहार रखना चाहिए। हो सकता है कि कभी कोई धोखा दे, लेकिन हमें अपनी अच्छाई नहीं छोड़नी चाहिए। क्योंकि आख़िर में असली पूंजी पैसा नहीं, बल्कि हमारे रिश्ते होते हैं।