तुलसी विवाह 2025 : जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व,
क्यों हर घर में जरूरी है ये अनुष्ठान
1 months ago Written By: ANIKET PRAJAPATI
तुलसी विवाह हिंदू धर्म का अत्यंत शुभ और पवित्र अनुष्ठान माना जाता है। इसकी शुरुआत देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) से होती है और कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) तक इसे संपन्न किया जा सकता है। हालांकि पंचांग के अनुसार, तुलसी विवाह के लिए कार्तिक शुक्ल द्वादशी का दिन सबसे शुभ होता है। इस साल यह तिथि 2 नवंबर 2025 (रविवार) को पड़ रही है। इच्छानुसार, आप 1 से 5 नवंबर के बीच किसी भी दिन तुलसी जी और भगवान शालिग्राम (Shaligram Bhagwan) का विवाह कर सकते हैं कहा जाता है कि जिनके घर कन्याएं नहीं हैं, उन्हें जीवन में एक बार तुलसी विवाह अवश्य कराना चाहिए। यह न केवल परिवार में समृद्धि लाता है बल्कि जीवन में शुभता और सौभाग्य भी बढ़ाता है।
तुलसी विवाह कब है 2025 में पंचांग के अनुसार, इस बार तुलसी विवाह 2 नवंबर 2025, रविवार को किया जाएगा। इस दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि रहेगी, जो इस पवित्र आयोजन के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।
तुलसी विवाह शुभ मुहूर्त 2025 ब्रह्म मुहूर्त: 04:50 AM – 05:42 AM
प्रातः सन्ध्या: 05:16 AM – 06:34 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:42 AM – 12:26 PM
विजय मुहूर्त: 01:55 PM – 02:39 PM
गोधूलि मुहूर्त: 05:35 PM – 06:01 PM
त्रिपुष्कर योग: 07:31 AM – 05:03 PM
सर्वार्थ सिद्धि योग: 05:03 PM – 06:34 AM (3 नवंबर)
तुलसी विवाह की पूजा विधि तुलसी के पौधे को साफ-सुथरे स्थान पर रखकर उसके चारों ओर सुंदर मंडप सजाएं।
मंडप को फूलों, केले के तनों और आम के पत्तों से सजाना शुभ होता है।
पूजा के लिए गंगाजल, पंचामृत, कपूर, मिठाई, पुष्प, फल, वस्त्र, रोली, चावल, नारियल आदि सामग्री रखें।
पहले भगवान शालिग्राम को पंचामृत से स्नान कराएं, फिर तुलसी माता को गंगाजल से स्नान कराएं।
भगवान को वस्त्र पहनाएं और तुलसी माता को चुनरी व चूड़ियां अर्पित करें।
फिर दोनों को फूलों की माला पहनाकर हल्दी-कुमकुम लगाएं और विवाह संस्कार कराएं।
शालिग्राम भगवान की प्रतिमा लेकर तुलसी माता की 7 बार परिक्रमा करें, जो सात फेरे का प्रतीक मानी जाती है।