Vat Savitri Vrat 2025: पहली बार व्रत रखने जा रही हैं? जानें वो राज जो हर कोई नहीं बताता,
इन खास नियमों से खुलेगा सौभाग्य का द्वार
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Vat Savitri Vrat 2025: हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व होता है। यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। इस साल वट सावित्री व्रत 26 मई को रखा जाएगा। इसके अगले दिन 27 मई को वटवृक्ष की पूजा की जाएगी। इस व्रत में महिलाएं उपवास करती हैं और वटवृक्ष के पास जाकर पूजा करती हैं। नई दुल्हनें इस दिन फलाहार रहकर व्रत करेंगी। कहा जाता है कि उन्हें लाल रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए।
व्रत का महत्व क्या?
वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ अमावस्या को रखा जाता है। इस दिन वटवृक्ष की पूजा की जाती है। मान्यता है कि वटवृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और शिव का वास होता है। इस व्रत को सावित्री-सत्यवान की कथा से जोड़ा जाता है। कहा जाता है कि सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान का जीवन मांगा था।
नई दुल्हनों के लिए विशेष नियम
जो महिलाएं पहली बार यह व्रत रख रही हैं उन्हें कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए।
26 मई को फलाहार रहकर व्रत रखें।
27 मई को वटवृक्ष के नीचे जाकर पूजा करें।
पूजा के लिए एक बांस की टोकरी में सामग्री रखें।
सामग्री में पंखा, चना, रोली, चावल, फूल, फल रखें।
भगवान शिव की तस्वीर जरूर साथ लें।
वटवृक्ष में गंगाजल, दूध, चावल अर्पित करें।
जानिए क्या है पूजा विधि
पंचोपचार विधि से पूजा करें।
वटवृक्ष की 11 बार परिक्रमा करें।
हर परिक्रमा में रोली लपेटें।
फिर वट सावित्री की कथा सुनें।
अंत में श्रृंगार का सामान और चना दान करें।
क्या पहनें और क्या न करें?
पूजा के दिन लाल वस्त्र पहनना शुभ माना गया है। निराहार व्रत पहली बार रखने वाली महिलाएं न करें। पूरे मन से पूजा करने से ही फल मिलता है। इस व्रत से पति की उम्र लंबी होती है। दांपत्य जीवन में प्रेम और सौहार्द बढ़ता है। मान्यता है कि सही विधि से किया गया व्रत सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद देता है।