कादर खान इंजीनियरिंग प्रोफेसर,
से बॉलीवुड के डायलॉग किंग तक का सफर
3 days ago Written By: Aniket Prajapati
बॉलीवुड में ऐसे कलाकार बहुत कम देखने को मिलते हैं जो हर किरदार को अपनी पहचान बना दें। कादर खान उन्हीं चुनिंदा दिग्गजों में से एक थे। उन्होंने खलनायक से लेकर कॉमेडी तक हर भूमिका में ऐसा जादू चलाया कि दर्शक उनके दीवाने हो गए। उनकी एक्टिंग ही नहीं, बल्कि उनकी कलम ने भी हिंदी सिनेमा को कई यादगार डायलॉग दिए। अपनी बहुमुखी प्रतिभा और अद्भुत संवाद लेखन से उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अमिट छाप छोड़ी।
इंजीनियरिंग के प्रोफेसर से बना सुपरस्टार कादर खान का जन्म 22 अक्टूबर 1937 को हुआ था। बचपन आर्थिक तंगी में बीता, लेकिन उनकी मां ने हमेशा उन्हें शिक्षा का महत्व समझाया। उन्होंने इंजीनियरिंग में पोस्ट-ग्रेजुएशन किया और मुंबई के एक कॉलेज में प्रोफेसर बने। हालांकि, मंच और अभिनय की दुनिया उन्हें हमेशा अपनी ओर खींचती रही। यही जुनून उन्हें फिल्मों तक ले आया और उन्होंने अपनी किस्मत का रुख पूरी तरह बदल दिया।
फिल्म ‘दाग’ से किया डेब्यू कादर खान ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1973 में फिल्म ‘दाग’ से की। भले ही उनकी भूमिका छोटी थी, लेकिन उनकी एक्टिंग और डायलॉग डिलीवरी ने सबका ध्यान खींच लिया। इसके बाद उन्होंने फिल्मों में न सिर्फ शानदार अभिनय किया, बल्कि बतौर लेखक भी अपनी एक अलग पहचान बनाई। कादर खान ने करीब 300 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया और 250 से अधिक फिल्मों के डायलॉग लिखे, जिनमें से कई आज भी दर्शकों की जुबान पर हैं।
विलेन से लेकर कॉमेडी किंग तक का सफर कादर खान ने फिल्मों में खलनायक के रूप में भी गहरी छाप छोड़ी। ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘धरम वीर’, ‘खून पसीना’ जैसी फिल्मों में उनके विलेन किरदारों को खूब सराहा गया। वहीं दूसरी ओर, ‘मुझसे शादी करोगी’ में उनके ‘दुग्गल साहब’ वाले कॉमिक रोल ने सभी को खूब हंसाया। गंभीरता और हास्य का ऐसा मिश्रण बहुत कम कलाकार दिखा पाते हैं।
लेखन की दुनिया में भी छोड़ी पहचान कादर खान केवल एक शानदार अभिनेता ही नहीं, बल्कि बॉलीवुड के सबसे बेहतरीन संवाद लेखकों में से एक थे। उनका लेखन आम बोलचाल की भाषा में गहराई और ह्यूमर दोनों जोड़ देता था। अमिताभ बच्चन के साथ उनकी जोड़ी ने कई सुपरहिट फिल्मों को जन्म दिया — ‘शराबी’, ‘सत्ता पे सत्ता’, ‘अमर अकबर एंथनी’ जैसी फिल्मों के डायलॉग आज भी फैंस को याद हैं।
अंतिम सफर और विरासत अपने शानदार योगदान के लिए कादर खान को कई अवॉर्ड्स से नवाजा गया। 2019 में उन्हें पद्मश्री सम्मान मिला। उन्होंने 9 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के लिए भी नामांकन पाया। 31 दिसंबर 2018 को कनाडा में उनका निधन हो गया। उनकी मौत ने न सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री बल्कि लाखों प्रशंसकों को शोक में डाल दिया। कादर खान केवल एक अभिनेता या लेखक नहीं थे — वे एक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने मेहनत, विनम्रता और प्रतिभा से दिखाया कि सच्चा कलाकार कभी सीमाओं में नहीं बंधता। उनकी कलाकारी, संवाद और मुस्कान आज भी बॉलीवुड की धरोहर बने हुए हैं।