जब शादीशुदा प्रोड्यूसर को हो गया सुपरस्टार हीरोइन से प्यार: 6 साल तक मनाया,
फिर रचाई शादी, आज बेटी है बॉलीवुड की सुपरस्टार
1 months ago Written By: Aniket Prajapati
बॉलीवुड में कई ऐसी लव स्टोरीज़ हैं जो फिल्मी दुनिया से भी ज़्यादा दिलचस्प हैं। इन्हीं में से एक कहानी है मशहूर प्रोड्यूसर बोनी कपूर और दिवंगत सुपरस्टार श्रीदेवी की। यह रिश्ता तब शुरू हुआ जब बोनी पहले से शादीशुदा थे, लेकिन श्रीदेवी से मुलाकात ने उनकी ज़िंदगी बदल दी। बोनी कपूर के प्यार का इज़हार सुनकर पहले तो श्रीदेवी हैरान रह गईं, इतना कि उन्होंने छह महीने तक उनसे बात तक नहीं की। लेकिन आखिरकार किस्मत ने दोनों को मिला ही दिया और 2 जून 1996 को उन्होंने शादी रचा ली।
6 साल की कोशिशों के बाद जीत लिया दिल बोनी कपूर ने कई बार खुलकर बताया है कि श्रीदेवी का दिल जीतना आसान नहीं था। उन्होंने कहा था कि जब पहली बार उन्होंने श्रीदेवी को प्रपोज किया, तो उन्होंने साफ कह दिया – “तुम शादीशुदा हो, और मैं ऐसे किसी रिश्ते में नहीं पड़ सकती।” लेकिन बोनी ने हार नहीं मानी। उन्होंने करीब पांच से छह साल तक लगातार उन्हें समझाने, मनाने और अपने सच्चे प्यार को साबित करने में लगा दिए। आखिरकार श्रीदेवी ने बोनी का प्रस्ताव स्वीकार किया और दोनों ने शादी कर ली।
जब श्रीदेवी ने बोनी को माना था ‘राखी भाई इस लव स्टोरी में एक और दिलचस्प मोड़ था। कहा जाता है कि श्रीदेवी एक वक्त मिथुन चक्रवर्ती से बेहद प्यार करती थीं। और इसी दौरान उन्होंने बोनी कपूर को “राखी भाई” कहा था, ताकि कोई गलतफहमी न हो। श्रीदेवी बोनी से दूर रहना चाहती थीं क्योंकि वे नहीं चाहती थीं कि उनका नाम किसी जटिल रिश्ते में आए। लेकिन किस्मत की योजना कुछ और ही थी बोनी कपूर हमेशा कहते हैं – “मुझे पता था, हमारे लिए ऊपरवाले ने कुछ खास लिखा है।” धीरे-धीरे दोनों की नज़दीकियां बढ़ीं, और आखिरकार 1996 में दोनों ने शादी की।
बेटी जाह्नवी ने संभाली मां की विरासत श्रीदेवी अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी विरासत उनकी बेटी जाह्नवी कपूर ने आगे बढ़ाई है। जाह्नवी आज बॉलीवुड की टॉप अभिनेत्रियों में शामिल हैं। उनकी खूबसूरती, अभिनय और स्टाइल में अक्सर उनकी मां की झलक दिखाई देती है। वहीं बोनी कपूर की पहली पत्नी मोना कपूर के बेटे अर्जुन कपूर भी बॉलीवुड में अपनी पहचान बना चुके हैं। श्रीदेवी और बोनी कपूर की कहानी इस बात की मिसाल है कि सच्चा प्यार रास्ते में कितनी भी मुश्किलें क्यों न हों, अपनी मंज़िल तक पहुंच ही जाता है।