पीयूष पांडे के अंतिम संस्कार पर मुस्कुराने पर ट्रोल हुईं इशिता अरुण,
बोलीं- “दुःख कोई स्क्रिप्ट नहीं होता”
2 months ago Written By: Aniket Prajapati
साल 2025 में मनोरंजन और विज्ञापन जगत ने कई दिग्गजों को खो दिया, उनमें से एक थे मशहूर एड गुरु पीयूष पांडे। उनके निधन ने पूरे देश को झकझोर दिया। परिवार, दोस्तों और चाहने वालों के बीच शोक की लहर थी। लेकिन उनके अंतिम संस्कार से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें उनकी भतीजी इशिता अरुण मुस्कुराती नजर आईं। इसके बाद से ही उन्हें ट्रोल किया जाने लगा।
“दुःख कोई स्क्रिप्ट नहीं होता” – इशिता का ट्रोल्स को जवाब लगातार मिल रही आलोचनाओं के बीच इशिता अरुण ने अब इंस्टाग्राम पर एक लंबा नोट शेयर कर ट्रोल्स को करारा जवाब दिया है। उन्होंने लिखा, “दुःख कोई एक स्क्रिप्ट नहीं है। जब आप किसी ऐसे इंसान को अलविदा कह रहे हों, जिसने जिंदगी में सबसे ज्यादा लोगों को हंसाया हो, तो उसकी यादों पर मुस्कुराना अनादर नहीं होता। यह हमारी यादों की निरंतरता है, हमारी भावनाओं की मांसपेशियों की स्मृति है — जो बताती है कि वो इंसान असल में कैसा था।”
“हम उनकी बात पर हंसे थे” – पलटवार में इशिता ने कही दिल छू लेने वाली बात इशिता ने आगे लिखा कि सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो सिर्फ कुछ सेकंड का पल था, जिसे लोगों ने गलत तरीके से पेश किया। उन्होंने कहा, “उन ट्रोल्स के लिए जिन्होंने अपनी खाली जिंदगी से वक्त निकालकर एक पल को तोड़-मरोड़कर पेश किया, आपने देखा कि हम हंसे थे, क्योंकि वो एक ऐसी बात थी जो सिर्फ वही कह सकते थे। अगर आप उन्हें जानते होते, तो किसी स्पष्टीकरण की जरूरत ही नहीं पड़ती।”
फैंस ने दिया समर्थन, कहा – “यादों में मुस्कुराना गलत नहीं” इशिता का यह जवाब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। कई यूजर्स ने उनका समर्थन करते हुए लिखा कि किसी अपने को मुस्कुराते हुए याद करना कोई गुनाह नहीं, खासकर जब वह व्यक्ति अपनी हंसी और खुशमिजाजी के लिए जाना जाता हो।
पीयूष पांडे – एक नाम जिसने विज्ञापन की दुनिया को नई पहचान दी बता दें, पीयूष पांडे भारत के सबसे बड़े विज्ञापन गुरुओं में से एक थे। उन्होंने न केवल ब्रांड्स को नई पहचान दी, बल्कि अपनी सोच और रचनात्मकता से भारतीय विज्ञापन जगत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनके जाने से इंडस्ट्री में जो खालीपन आया है, वह शायद ही कभी भरा जा सके।