लकी अली ने जावेद अख्तर पर साधा निशाना,
बोले “इनके जैसा मत बनो” जानिए पूरा विवाद
3 days ago
Written By: Aniket Prajapati
मशहूर सिंगर लकी अली ने गीतकार और कवि जावेद अख्तर की हालिया टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जावेद अख्तर ने एक कार्यक्रम के दौरान हिंदू-मुस्लिम संबंधों को लेकर जो बयान दिया, वह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद लकी अली ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा“जावेद अख्तर जैसे मत बनो।”
लकी अली को क्यों पसंद नहीं आया जावेद अख्तर का बयान?
'ओ सनम' गाने से फेमस हुए सिंगर लकी अली ने एक एक्स यूजर की पोस्ट पर कमेंट करते हुए जावेद अख्तर की बात पर तीखी प्रतिक्रिया दी। यूजर ने अख्तर का वह बयान शेयर किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि— “हिंदू मुसलमानों जैसे मत बनो, बल्कि उन्हें अपने जैसा बनाओ।” इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। कुछ लोगों ने जावेद अख्तर की बात को सही ठहराया, तो कई लोगों ने इसे धर्म विशेष पर टिप्पणी मानते हुए उनकी आलोचना की। लकी अली भी इसी विरोधी खेमे में शामिल हो गए और अपने पोस्ट से एक नई बहस छेड़ दी।
जावेद अख्तर ने आखिर क्या कहा था?
एक कार्यक्रम में जावेद अख्तर ने फिल्म ‘शोले’ के एक प्रसिद्ध सीन का ज़िक्र किया, जहां धर्मेंद्र भगवान शिव की मूर्ति के पीछे छिपकर बोलते हैं और हेमा मालिनी को लगता है कि शिव जी उनसे बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा—
“क्या आज ऐसा दृश्य संभव है? शायद नहीं। लेकिन 1975 में जब ‘शोले’ रिलीज हुई थी, तब भी हिंदू और धार्मिक लोग थे। फर्क सिर्फ इतना है कि समाज तब ज्यादा सहिष्णु था।”
फिर उन्होंने आगे कहा—
“मैंने हमेशा कहा है, मुसलमानों जैसे मत बनो। उन्हें अपने जैसा बनाओ। लेकिन आज हालात उलटे हो रहे हैं — हिंदू मुसलमानों जैसे बनते जा रहे हैं। यह एक त्रासदी है।”
उनके इस बयान ने ही सोशल मीडिया पर धार्मिक बहस को जन्म दे दिया।
लकी अली ने दिया तीखा जवाब
जावेद अख्तर के इस वीडियो को शेयर करने वाले एक यूजर को जवाब देते हुए लकी अली ने लिखा—
“जावेद अख्तर जैसे मत बनो। कभी भी असली नहीं रहे। बदसूरत फ*।**”
लकी अली की इस टिप्पणी के बाद एक्स पर बवाल मच गया। कुछ लोगों ने लकी अली का समर्थन किया, तो कुछ ने इसे अभद्र भाषा बताकर आलोचना की।
वहीं अब तक जावेद अख्तर की ओर से इस पूरे विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
यह पूरा मामला अब सोशल मीडिया पर दो हिस्सों में बंट गया है। एक वर्ग जावेद अख्तर की बात को स्पष्ट और साहसी अभिव्यक्ति मान रहा है, जबकि दूसरा वर्ग इसे धार्मिक असंवेदनशीलता बता रहा है।
लकी अली के बयान के बाद यह विवाद और गहराता जा रहा है।