मेजर शैतान सिंह भाटी की दोनों पोतियां भी हैं शूरवीर,
दादा के दिखाए रास्ते पर चलकर हुईं देश को समर्पित
1 months ago Written By: अनिकेत प्रजापति
चीन के हजारों सैनिकों के सामने केवल 120 भारतीय जवान… और उनके अग्रिम मोर्चे पर थे मेजर शैतान सिंह। 1962 के युद्ध में उन्होंने असाधारण साहस दिखाया। हाथ पर गोली लगने के बाद भी उन्होंने लड़ाई नहीं छोड़ी, बल्कि मशीन गन को रस्सी से पैर में बांधकर तब तक गोलियां चलाते रहे, जब तक उनके शरीर में जान रही। इसी वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र मिला। आज, उनकी शौर्य भरी विरासत को उनकी दो पोतियां आगे बढ़ा रही हैं, जो भारतीय सेना में कार्यरत हैं और देश सेवा में उसी समर्पण के साथ लगी हैं, जैसा उनके दादा ने दिखाया था।
मेजर शैतान सिंह की बहादुर पोतियां परिवार आज भी जोधपुर में रहता है। मेजर के बेटे बीएस भाटी बैंक में काम करते हैं और उनकी पत्नी गृहणी हैं। देशभक्ति इस परिवार में पीढ़ियों से चली आ रही है। यही वजह है कि मेजर की दोनों पोतियों ने भी सेना को अपना जीवन समर्पित किया। छोटी पोती डिंपल भाटी हाल ही में सेना में कमीशन पाकर लेफ्टिनेंट बनी हैं। वे सिग्नल कोर में तैनात हैं और जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में अपनी पहली पोस्टिंग पर सेवा दे रही हैं। उनकी बड़ी बहन दिव्या भाटी पहले ही कैप्टन के पद पर भारतीय सेना में कार्यरत हैं।
बचपन से सेना में जाने का सपना दोनों बहनों ने बचपन से ही सेना में जाने का सपना देखा था। डिंपल ने कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया और फिर एसएसबी की तैयारी की। चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में उनकी ट्रेनिंग सिल्वर मेडल के साथ पूरी हुई। परिवार के मुताबिक, बेटियों के सेना में जाने पर कई लोग सवाल उठाते थे, लेकिन दोनों ने दादा की देशभक्ति और अनुशासन को ही जीवन का मार्ग बनाया और अपने सपने पूरे किए।
कर्तव्यपथ पर डिंपल का शानदार प्रदर्शन डिंपल भाटी सिर्फ एक अधिकारी ही नहीं, बल्कि एक दक्ष मोटरसाइकिल स्टंट कलाकार भी हैं। गणतंत्र दिवस पर कर्तव्यपथ पर होने वाली परेड में वे डेयरडेविल्स कोर ऑफ सिग्नल के साथ रॉयल एनफील्ड बुलेट पर स्टंट दिखा चुकी हैं। यह टीम कई वर्षों से अपने प्रदर्शन से देश को गौरवान्वित करती रही है, और 2023 में डिंपल को इसमें शामिल होने का सम्मान मिला। उनके इस प्रदर्शन ने देशभर में लोगों का ध्यान खींचा और दादा की वीरता की यादें फिर ताजा कर दीं।