प्रकाश झा की प्रेरक कहानी:
अनाथ बच्ची दिशा को गोद लेकर बदली जिंदगी
1 months ago Written By: अनिकेत प्रजापति
बॉलीवुड में कई सितारे ऐसे हैं जिन्होंने अनाथ बच्चों को गोद लेकर उनकी जिंदगी बदल दी। इन्हीं में फिल्ममेकर प्रकाश झा का नाम भी शामिल है। ‘आश्रम’, ‘राजनीति’, ‘गंगाजल’, ‘सत्याग्रह’ और ‘आरक्षण’ जैसी फिल्में बनाने वाले प्रकाश झा ने अपनी निजी जिंदगी में भी एक मिसाल कायम की है। जब वह सिर्फ 20 साल के थे, उन्होंने तय किया कि वह एक अनाथ बच्चे को गोद लेंगे। 1988 में दिल्ली के एक अनाथालय से मिली एक कॉल ने उनकी जिंदगी ही बदल दी। उस समय उन्हें 10 दिन की बच्ची मिली, जिसे उन्होंने गोद लिया और उसका नाम रखा – दिशा झा।
कैसे शुरू हुआ प्रकाश झा का गोद लेने का सफर प्रकाश झा 1988 में दिल्ली के एक अनाथालय में वॉलंटियर हुआ करते थे। उसी दौरान उन्हें सूचना मिली कि कोई 10 दिन की बच्ची थिएटर की सीट के नीचे छोड़कर चला गया है। बच्ची का शरीर चूहों और कीड़ों से कुतरा हुआ था और पूरे शरीर में संक्रमण फैल चुका था। इस दर्दनाक स्थिति ने प्रकाश झा को अंदर तक झकझोर दिया।
बच्ची का इलाज और गोद लेना प्रकाश झा ने बच्ची को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया और उसका इलाज करवाया। इसके बाद उन्होंने तमाम कानूनी फॉर्मेलिटीज पूरी कर बच्ची को गोद लिया। उनकी पत्नी दीप्ति नवल ने भी इस फैसले में उनका पूरा साथ दिया। बच्ची का नाम दिशा झा रखा गया, जो आज खुद फिल्म प्रोड्यूसर बन चुकी हैं।
तलाक के बाद भी बना मजबूत रिश्ता दीप्ति नवल और प्रकाश झा का तलाक हो गया, लेकिन दोनों ने दिशा के साथ अपने संबंधों को कायम रखा। तलाक के बाद प्रकाश ने दिशा की कस्टडी ली और अकेले उसकी परवरिश की। दूसरी ओर दीप्ति भी दिशा के साथ समय बिताना कभी नहीं छोड़ती।
दिशा झा की फिल्मी दुनिया दिशा झा अब खुद प्रोड्यूसर बन चुकी हैं। उन्होंने अपने पिता प्रकाश झा के साथ मिलकर 2019 में ‘फ्रॉड सइयां’ बनाई। इसके अलावा उन्होंने अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस ‘पेन पेपर सीजर एंटरटेनमेंट’ भी स्थापित किया है। प्रकाश झा की यह कहानी दिखाती है कि किस तरह एक व्यक्ति अपनी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी से किसी अनाथ बच्चे की जिंदगी बदल सकता है।