राजकुमार राव ने छत्तीसगढ़ की मनीषा गोस्वामी केस पर जताया गुस्सा कहा,
अब खत्म होनी चाहिए दहेज जैसी कुप्रथा
2 months ago Written By: Aniket Prajapati
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से आई एक दर्दनाक खबर ने पूरे देश को झकझोर दिया है। 23 साल की मनीषा गोस्वामी ने शादी के महज 10 महीने बाद आत्महत्या कर ली। यह मामला सामने आने के बाद बॉलीवुड एक्टर राजकुमार राव ने गहरा दुख और गुस्सा जताया है। उन्होंने दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई पर सवाल उठाते हुए इसे खत्म करने की अपील की है।
10 महीने की शादी और जिंदगी का अंत रायपुर की रहने वाली मनीषा गोस्वामी की शादी इसी साल जनवरी में हुई थी। लेकिन शादी के बाद से ही वह लगातार पति आशुतोष गोस्वामी, उसके भाई और ससुराल वालों के उत्पीड़न का शिकार हो रही थी। मनीषा ने अपनी मौत से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उसने अपने साथ हुए शारीरिक और मानसिक शोषण की पूरी कहानी बताई।
वीडियो में मनीषा कहती है, “मैं अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ी हूं, और मेरे पिता अकेले कमाने वाले हैं। मेरे ससुराल वालों ने मेरी जिंदगी को नरक बना दिया है। मैं अब और नहीं सह सकती।” उसने बताया कि पति ने बिना किसी वजह दो बार उसकी पिटाई की और सास ने भी उसका साथ नहीं दिया। मनीषा ने कहा कि 10 महीने की शादी में उसे 10 दिन की भी खुशी नसीब नहीं हुई।
राजकुमार राव ने जताया आक्रोश इस घटना पर बॉलीवुड एक्टर राजकुमार राव ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर मनीषा का वीडियो शेयर करते हुए लिखा “यह बहुत ही दिल दहला देने वाली खबर है। अब वक्त आ गया है कि हम इस भयानक दहेज प्रथा को खत्म करें। एक-दूसरे को प्रेरित करें कि दहेज को ना कहें।”राजकुमार के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी बात का समर्थन किया और भारत में दहेज और घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों पर अपनी नाराजगी जाहिर की।
जांच में जुटी पुलिस मनीषा की मौत के बाद उसके पिता ने डीडी नगर पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और मनीषा के वीडियो में बताए गए आरोपों की गहराई से जांच शुरू कर दी है, अधिकारियों ने परिवार और पड़ोसियों के बयान दर्ज किए हैं। साथ ही, मनीषा के मोबाइल और डिजिटल सबूतों की भी जांच चल रही है ताकि मौत से जुड़ी हर कड़ी को जोड़ा जा सके। यह मामला सिर्फ एक लड़की की कहानी नहीं, बल्कि समाज के उस चेहरे को उजागर करता है जो आज भी दहेज की आग में बेटियों को झोंक रहा है।