काजोल और इब्राहिम अली खान की सरजमीन हुई रिलीज,
जानें कैसी है फिल्म की कहानी
1 months ago
Written By: anjali
बॉलीवुड में देशभक्ति की फिल्मों का एक लंबा इतिहास रहा है, लेकिन धर्मा प्रोडक्शन की नई फिल्म "सरजमीन" इस जानी-पहचानी थीम को एक ताज़ा और भावनात्मक नज़रिए से पेश करती है। फिल्म दो शक्तिशाली डायलॉग्स के बीच की कहानी कहती है – "सरजमीन से बढ़कर मेरे लिए कुछ नहीं" और "अपनों के खून से बढ़कर कुछ नहीं"। यह देशप्रेम और पारिवारिक बलिदान के बीच की जटिल लड़ाई को दर्शाती है, जिसमें एक सैनिक को अपने कर्तव्य और अपने बेटे के बीच चुनाव करना पड़ता है।
कहानी का सार
फिल्म की कहानी कर्नल विजय मेनन (पृथ्वीराज सुकुमारन) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक दृढ़निश्चयी फौजी हैं और देश के लिए अपनी जान तक देने को तैयार रहते हैं। उनकी पत्नी मेहर (काजोल) एक समर्पित माँ और पत्नी हैं, जबकि उनका बेटा हरमन (इब्राहिम अली खान) एक डरपोक और संवेदनशील लड़का है। विजय की अपने बेटे से उम्मीदें टकराती हैं, क्योंकि वह चाहते हैं कि हरमन भी उनकी तरह बहादुर बने।
एक दिन, आतंकवादी हरमन का अपहरण कर लेते हैं और बदले में अपने साथियों की रिहाई मांगते हैं। विजय के सामने एक असंभव चुनाव होता है – देश या परिवार? वह देश को चुनते हैं, लेकिन आठ साल बाद, जब हरमन वापस आता है, तो वह पूरी तरह बदल चुका होता है। क्या वह वाकई उनका बेटा है? या कोई और है जो उनके परिवार और देश के लिए खतरा बनकर आया है?
अभिनय और पात्र
काजोल ने मेहर के किरदार को जीवंत कर दिया है। उनकी भावनाएँ – एक माँ का दर्द, एक पत्नी का समर्पण – पर्दे पर साफ झलकती हैं। पृथ्वीराज सुकुमारन ने एक कठोर फौजी की भूमिका में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है। उनकी हिंदी डायलॉग डिलीवरी भी प्रशंसनीय है। इब्राहिम अली खान ने हरमन की भूमिका में सुधार दिखाया है, खासकर क्लाइमैक्स में। हालाँकि, उनका स्क्रीन टाइम कम होने के कारण वे पूरी तरह छाप नहीं छोड़ पाते।
निर्देशन और लेखन
यह फिल्म कायोज ईरानी की डायरेक्टोरियल डेब्यू है, और उन्होंने एक मजबूत कथानक चुना है। हालाँकि, कहानी में कुछ प्लॉट होल्स हैं, जैसे:विजय और हरमन के रिश्ते की गहराई को और विस्तार से दिखाया जा सकता था। मेहर के बैकग्राउंड का रहस्य थोड़ा अविश्वसनीय लगता है। बोमन ईरानी जैसे बेहतरीन एक्टर को पर्याप्त स्क्रीन टाइम नहीं मिला।
क्यों देखें?
अगर आप देशभक्ति की फिल्मों में कुछ नया ढूंढ रहे हैं, तो यह फिल्म एक ताज़ा एंगल पेश करती है। काजोल और पृथ्वीराज का शानदार अभिनय। क्लाइमैक्स सरप्राइजिंग है और आपको सोचने पर मजबूर करता है।