दिल्ली का लड़का बना बॉलीवुड का बादशाह,
शाहरुख खान की जिंदगी से सीखिए, जीरो से हीरो बनने का सफर
1 months ago Written By: ANIKET PRAJAPATI
दिल्ली का एक आम लड़का, जिसका सपना था आर्मी में जाकर देश की सेवा करना। खेल-कूद में आगे और कॉलेज की हॉकी टीम का कप्तान भी। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। एक दिन चोट लगी और उसका खेल करियर खत्म हो गया। पर उस लड़के ने हार नहीं मानी। उसके लिए "जीरो" ही नई शुरुआत था। उसने थिएटर में कदम रखा और वहीं से शुरू हुआ सफर बॉलीवुड के "किंग खान" बनने का नाम शाहरुख खान।
दुआ में वो ताकत है, जो जिंदगी बदल देती है 15 साल की उम्र में पिता का साया सिर से उठ गया, 26 की उम्र में मां भी चली गईं। उस दिन शाहरुख बत्रा हॉस्पिटल की पार्किंग में बैठकर दुआ पढ़ रहे थे। उन्हें कहा गया था — “अगर सौ बार दुआ पढ़ी तो मां बच जाएगी।” उन्होंने सौ नहीं, सैकड़ों बार पढ़ी। लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। शाहरुख कहते हैं, “मां तभी जाती हैं जब यकीन होता है कि बेटा अब सब संभाल लेगा।” शायद इसी अधूरी दुआ ने शाहरुख की जिंदगी का रास्ता बदल दिया।
प्यार में हिम्मत चाहिए, डर नहीं शाहरुख और गौरी की लव स्टोरी सच्चे प्यार की मिसाल है। 1984 में एक पार्टी में मिले, 19 साल के शाहरुख और 14 साल की गौरी को पहली नजर में प्यार हो गया। लेकिन धर्म और परिवार के विरोध ने दोनों को कई बार तोड़ा, फिर भी जोश बरकरार रहा। गौरी के नाराज होकर मुंबई जाने पर शाहरुख भी पीछे-पीछे पहुंच गए। कई संघर्षों के बाद तीन बार शादी की — कोर्ट, निकाह और फिर पंजाबी रीति से। आज तीन दशक बाद भी दोनों बॉलीवुड के सबसे मजबूत कपल हैं।
छोटे कदम ही बड़ी मंजिल तक पहुंचाते हैं शाहरुख ने शुरुआत छोटे पर्दे से की ‘फौजी’, ‘दिल दरिया’, ‘सर्कस’ जैसे शो में दमदार एक्टिंग ने पहचान दिलाई। 1992 में फिल्म दीवाना से बॉलीवुड में डेब्यू किया। फिर बाजीगर और डर जैसी फिल्मों में नेगेटिव रोल कर दिखाया कि असली स्टार वही होता है जो रिस्क लेता है। डर में सनी देओल जैसे स्टार के सामने खलनायक बनकर भी हीरो बन गए। 1994 में बाजीगर के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।
खुद पर भरोसा रखो, दुनिया मान जाएगी करियर की शुरुआत में उन्हें "बदसूरत" कहा गया। लेकिन शाहरुख ने अपने आत्मविश्वास से सबको जवाब दिया। जब पत्रकार रजत शर्मा ने उन्हें आप की अदालत में बुलाया, तो शाहरुख ने इतनी बेबाकी से बात की कि शो के बाद उनके फैंस लाखों में बढ़ गए। बाद में जब यश चोपड़ा ने उन्हें दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे ऑफर की, तो शाहरुख रोमांस के बादशाह बन गए।
औकात से बड़ा सोचो, तभी सपना सच होगा ‘यस बॉस’ की शूटिंग के दौरान शाहरुख ने समुद्र किनारे बने बंगले ‘मन्नत’ को देखा और तय कर लिया कि यह उनका होगा। उस समय बंगले की कीमत 30 करोड़ थी और उनके पास सिर्फ 2 करोड़। फिर भी उन्होंने लोन लेकर खरीदा और गौरी ने खुद उसका इंटीरियर डिजाइन किया। आज वही मन्नत मुंबई की शान है, जिसकी कीमत 200 करोड़ से ज्यादा है।
बदलाव को अपनाना ही सफलता की कुंजी है शाहरुख ने सिर्फ एक्टिंग तक खुद को सीमित नहीं रखा। उन्होंने रेड चिलीज एंटरटेनमेंट की शुरुआत की, जो आज देश की सबसे बड़ी फिल्म प्रोडक्शन कंपनियों में से एक है। इसके अलावा उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स टीम खरीदी और टेक्नोलॉजी, बिजनेस व ग्लोबल सिनेमा से जुड़ते चले गए।
परिवार हमेशा पहले, बाकी सब बाद में शाहरुख के लिए परिवार ही असली ताकत है। मां की मौत के बाद उन्होंने फिल्मों में आने का फैसला किया क्योंकि यह उनकी मां का सपना था। उन्होंने कहा था — “अगर मुझे करियर और गौरी में से किसी को चुनना हो, तो मैं गौरी को चुनूंगा।” आज भी वह अपनी बहन शहनाज की देखभाल करते हैं और बच्चों आर्यन, सुहाना, अबराम के साथ दोस्त की तरह रहते हैं।
उम्र नहीं, जज्बा मायने रखता है 2023 में 57 की उम्र में पठान और जवान जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में देकर शाहरुख ने साबित किया कि उम्र सिर्फ एक नंबर है। पठान की तैयारी में उन्होंने दो साल मेहनत की और अपनी फिटनेस से सबको चौंका दिया।
गिरकर उठना ही असली बाजीगरी है 2018 में जीरो फ्लॉप रही, लेकिन शाहरुख ने हार नहीं मानी। चार साल बाद पठान (1050 करोड़) और जवान (1150 करोड़) जैसी सुपरहिट फिल्मों से वापसी की। साल के अंत में डंकी ने भी 470 करोड़ कमाए। आलोचकों को जवाब उन्होंने अपने काम से दिया।
नेगेटिव लोगों को ह्यूमर से जवाब दो TVF के एक लाइव सेशन में जब किसी ने उन्हें “छक्का” कहा, तो शाहरुख मुस्कुराए और बोले “मैं इतना बड़ा हूं कि चौक्का नहीं, छक्का ही मारूंगा!” यही उनकी शख्सियत है शांत, स्मार्ट और सेंस ऑफ ह्यूमर से भरी।
जो बदलना चाहता है, उसके लिए हर वक्त सही है अपने 59वें जन्मदिन पर शाहरुख ने बताया कि उन्होंने स्मोकिंग छोड़ दी है। उन्होंने कहा “यह मेरा निजी फैसला है, किसी के लिए नहीं।” 30 साल की आदत छोड़ना उनके मजबूत इरादों का सबूत है।
दिल्ली से मन्नत तक का सफर – प्रेरणा की मिसाल दिल्ली के एक थिएटर आर्टिस्ट से दुनिया के सबसे अमीर एक्टर बनने तक शाहरुख का सफर अद्भुत है। 90 से ज्यादा फिल्मों में काम, 1.4 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ और करोड़ों दिलों में जगह। ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ से लेकर ‘जवान’ तक, उन्होंने साबित किया “अगर किसी चीज़ को दिल से चाहो, तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती है।”