‘या अली’ ने बदली किस्मत,
जानें कैसे हुई जुबीन गर्ग की मौत
1 months ago Written By: ANJALI
संगीत की दुनिया में कुछ आवाज़ें ऐसी होती हैं, जो लोगों के दिलों पर हमेशा के लिए छाप छोड़ जाती हैं। असम के मशहूर सिंगर जुबीन गर्ग भी ऐसी ही आवाज़ थे। अचानक हुई उनकी मौत की खबर ने हर किसी को गहरे सदमे में डाल दिया है। जिन गानों से उन्होंने लाखों दिलों को छुआ, वही आज उनकी याद बनकर लोगों की आंखें नम कर रहे हैं।
52 वर्षीय जुबीन गर्ग का जन्म मेघालय के तुरा में एक असमिया ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका नाम मशहूर संगीतकार जुबीन मेहता से प्रेरित होकर रखा गया था। पिता मजिस्ट्रेट थे और मां इली बोरठाकुर खुद एक सिंगर थीं, शायद यही वजह थी कि संगीत उनके खून में था।
निजी जीवन
जुबीन ने स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद साइंस ग्रेजुएशन के लिए एडमिशन लिया, लेकिन संगीत के जुनून ने उन्हें पढ़ाई से ज्यादा स्टेज की ओर खींचा। इसी जुनून के चलते उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया और पूरी तरह म्यूजिक में डूब गए। साल 2002 में उन्होंने असम की फैशन डिजाइनर गरिमा सैकिया से शादी की।
करियर की शुरुआत
संगीत की दुनिया में उनका सफर 1992 में शुरू हुआ, जब उन्होंने यूथ फेस्टिवल का गोल्डन मेडल जीता। इसके बाद उन्होंने असमिया गानों से लोकप्रियता हासिल की और पहला बिहू एल्बम लॉन्च किया, जो सुपरहिट रहा।
बॉलीवुड में कदम
1995 में जुबीन मुंबई पहुंचे और अपना पहला इंडीपॉप एल्बम ‘चांदनी रात से’ लॉन्च किया। इसके बाद उन्होंने गद्दार, दिल से, डोली सजा के रखना, फिजा और कांटे जैसी फिल्मों में गाने गाए। हालांकि, उन्हें वो सफलता नहीं मिली जिसकी तलाश थी।
‘या अली’ ने बदली किस्मत
साल 2006 में आई फिल्म ‘गैंगस्टर’ का गाना ‘या अली’ जुबीन के करियर का टर्निंग पॉइंट बना। इस गाने ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया। इसके लिए उन्हें गीफा अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया।
अन्य हिट गाने
जुबीन ने इसके बाद कई सुपरहिट गाने दिए, जिनमें ‘कृष 3’ का दिल तू ही बता, दम मारो दम का गाना, राज 3 का क्या राज है और कई रोमांटिक ट्रैक्स शामिल हैं।