हार नहीं मानी — सहारनपुर के पशु चिकित्सा अधिकारी,
डॉ. संदीप मिश्रा की संघर्ष और कामयाबी की कहानी
1 months ago Written By: अनिकेत प्रजापति
सहारनपुर में तैनात पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ. संदीप कुमार मिश्रा ने अपने जीवन में कई बार असफलता झेली, पर हार नहीं मानी और मेहनत से सफलता पा ली। सीतापुर के रहने वाले संदीप ने childhood से ही डॉक्टर बनने का लक्ष्य रखा था। पीएमटी में उत्तर प्रदेश में छहवीं रैंक मिली और मथुरा के वेटरनरी कॉलेज में दाखिला हुआ। कई परीक्षाओं में केवल एक-दो नंबर से छूट गए, फिर भी हिम्मत बनाए रखी और 2019 में PCS परीक्षा में चयन होकर वेटरनरी एंड वेलफेयर ऑफिसर बन गए। उनका अनुभव छात्रों के लिए प्रेरणा बन गया है।
शिक्षा और प्रारंभिक संघर्ष डॉ. संदीप ने सीतापुर के केंद्रीय विद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा ली। पीएमटी में अच्छा परिणाम आने के बाद उन्हें वेटरनरी कॉलेज, मथुरा में मौका मिला। इसके बाद भी कई बार वे कट-ऑफ से मात्र एक-दो नंबर से चूक गए। MBBS में भी सफल नहीं हो सके और NDRI करनाल में PG की पढ़ाई के दौरान भी चुनौतियाँ आईं।
बार-बार असफलता पर हौंसलाः ज्योतिषी की सलाह और लौटकर तैयारी कई बार नाकामी के बाद दोस्त उन्हें ज्योतिषी के पास ले गए। ज्योतिषी ने उनकी कुंडली देखकर कहा कि सरकारी नौकरी का योग नहीं दिखता। यह सुनकर संदीप का हौसला नहीं टूटा। 2019 में उन्होंने फिर से PCS दिया और वेटरनरी एंड वेलफेयर ऑफिसर के पद पर चयन होकर छठी रैंक हासिल की।
परिवार और संदेश संदीप पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। उनके पिता राजेंद्र प्रसाद मिश्रा मेडिसिन के थोक व्यापार में हैं। उन्होंने छात्रों को कहा कि लगातार प्रयास करें; परिणाम ईश्वर के हाथ में हैं। उन्होंने गीता का भी हवाला देते हुए बताया कि श्रीकृष्ण ने कहा है कि मनुष्य को अपना पूरा प्रयास करना चाहिए।