इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: EWS को आरक्षण नहीं,
69 हजार शिक्षक भर्ती मामला
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। उत्तर प्रदेश की 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में EWS वर्ग को आरक्षण नहीं मिलेगा। कोर्ट ने माना कि भर्ती के समय EWS आरक्षण लागू हो चुका था। इसके बावजूद सरकार ने इसे लागू नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि अब इस पर कुछ करना व्यावहारिक नहीं है। सभी पद भर चुके हैं। नियुक्त लोग कई सालों से काम कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें हटाकर नई सूची बनाना ठीक नहीं होगा। यह फैसला जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रवीण कुमार गिरी की खंडपीठ ने सुनाया।
कब लागू हुआ EWS आरक्षण?
12 जनवरी 2019 को केंद्र सरकार ने 103वां संविधान संशोधन पारित किया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे 18 फरवरी 2019 को लागू किया। बता दें कि 18 फरवरी 2019 से ईडब्ल्यूएस आरक्षण पूरी तरह से राज्य में मान्य हो गया था।
कब शुरू हुई शिक्षक भर्ती?
शिक्षक भर्ती का विज्ञापन 17 मई 2020 को निकला। उस समय EWS आरक्षण पहले से लागू था। इसका मतलब है कि सरकार को इसे भर्ती में लागू करना चाहिए था। याचियों ने कहा कि उन्हें EWS आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने पहले एकल पीठ में केस किया। वहां से याचिका खारिज हुई। फिर उन्होंने खंडपीठ में अपील की।
कोर्ट ने EWS आरक्षण को बताया सही
कोर्ट ने माना कि सरकार को EWS आरक्षण लागू करना चाहिए था। लेकिन अब भर्ती पूरी हो चुकी है। सभी 69 हजार पद भर दिए गए हैं। किसी ने भर्ती प्रक्रिया को कोर्ट में चुनौती नहीं दी। न ही याचिकाओं में चुने गए अभ्यर्थियों को पक्षकार बनाया गया।
क्यों जरूरी था EWS प्रमाण पत्र?
किसी भी आवेदनकर्ता ने EWS स्टेटस का जिक्र नहीं किया था। मेरिट लिस्ट में EWS का अलग विवरण नहीं था। अब तय करना मुश्किल है कि कौन EWS में आता है।
कोर्ट का अंतिम निर्णय
कोर्ट ने कहा कि अब EWS के आधार पर दोबारा चयन नहीं किया जा सकता। इससे पहले से नियुक्त लोगों को नुकसान होगा। इसलिए सभी याचिकाएं खारिज कर दी गईं।