आईपीएस रतनलाल डांगी की प्रेरक कहानी,
तब एक ताने ने बदली जिंदगी
1 months ago Written By: ANIKET PRAJAPATI
1996 की बात है, जब रतनलाल डांगी एक सामान्य युवा थे। वह ऑफिस के साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी भी कर रहे थे। दिनभर ऑफिस और शाम को पढ़ाई के बीच उनकी सेहत बिगड़ गई। एक दिन उनकी तबियत इतनी खराब हुई कि उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा। यह किस्सा आज भी चर्चा में है क्योंकि इसमें जीवन बदलने वाला एक ताना शामिल है।
हॉस्पिटल में बदली सोच किराये के मकान में रहने वाले रतनलाल डांगी को उनके मकान मालिक हॉस्पिटल लेकर गए थे। पूरी रात उन्हें होश नहीं आया और मकान मालिक उनके सिरहाने बैठे रहे। अगली सुबह एक अनजान शख्स उनके हाल-चाल पूछने आया। रतनलाल ने उसे अपनी दिनचर्या बताई। उस शख्स ने कहा, “आईने में अपनी शक्ल देखो। तुम जैसे लोग यूपीएससी पास नहीं कर सकते। अपनी सेहत पर ध्यान दो।” यह ताना रतनलाल की सोच और जिंदगी को बदलने वाला साबित हुआ।
अफसर बनने के बाद फिर हुई मुलाकात रतनलाल डांगी मूल रूप से राजस्थान के नागौर जिले के रहने वाले हैं। समय ने फिर उन्हें उस अनजान शख्स से मिलने का मौका दिया। तब तक रतनलाल राजस्थान लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करके नायब तहसीलदार बन चुके थे। उस शख्स ने उनके ऑफिस का काम करवाया और धन्यवाद दिया। रतनलाल ने उन्हें चाय और पानी भी पिलाया और हॉस्पिटल वाले वाकये को याद दिलाया।
चार बार सरकारी नौकरी और अंततः आईपीएस रतनलाल डांगी का जन्म नागौर जिले के मालास गांव में हुआ था। उनका आईपीएस बनने का सफर आसान नहीं था। यूपीएससी पास करने से पहले उन्हें तीन बार सरकारी नौकरी मिल चुकी थी। उन्होंने शिक्षक, टैक्स इंस्पेक्टर और नायब तहसीलदार के पदों पर काम किया। लेकिन उनका लक्ष्य आईपीएस अधिकारी बनना ही था। 2002 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास की और 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी बनकर अपने सपने को पूरा किया। रतनलाल डांगी की यह कहानी यह सिखाती है कि कठिनाई और ताने भी कभी-कभी जीवन को दिशा देने में मदद कर सकते हैं।