न्यूक्लियर अटैक' की धमकी देने वाले बिलावल के बदले सुर,
अब शहबाज शरीफ के फैसलों पर उठाए ये बड़े सवाल
1 days ago
Written By: NEWS DESK
Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने अपने ताजा बयान में पाक पीएम शहबाज शरीफ के फैसलों पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि पहले उन्होंने सिंधु नदी में खून बहाने की धमकी और न्यूक्लियर अटैक वाला बयान चर्चा में था। पर अब भारत के साथ बातचीत कर मुद्दों का हल निकालने की बात कही है।
'शिमला समझौता तोड़ने के पक्ष में नहीं'
एक न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने शहबाज शरीफ सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उन्हें शिमला समझौते को तोड़ने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। बिलावल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संधियां और द्विपक्षीय बातचीत कूटनीति की नींव है। मैं इसे तोड़ने के पक्ष में नहीं हूं। फिर भी यदि भारत अपनी जिद पर अड़ा रहता है तो द्विपक्षीय समझौतों की समीक्षा करनी चाहिए।
बातचीत के जरिए तलाशे समस्या का हल
बिलावल ने पहलगाम हमले की जांच की मांग करते हुए कहा कि अगर भारत के पास कोई सबूत है, तो उसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर पेश करना चाहिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि भारत को अगर आतंकवाद के खिलाफ सचमुच कार्रवाई करनी है, तो बातचीत के जरिए समस्या का हल तलाशना चाहिए।
भारत यदि निष्पक्ष जांच से मुकरता है तो उसकी इमेज को नुकसान
बिलावल ने कहा कि अगर भारत निष्पक्ष जांच से मुकरता है, तो इससे इंटरनेशनल लेवल पर उसकी साख को नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि शिमला समझौता उनके नाना जुल्फिकार अली भुट्टो ने भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ मिलकर किया था, इसलिए इसका ऐतिहासिक महत्व भी भुलाया नहीं जा सकता।
ट्रंप की इस टिप्पणी का किया स्वागत
बिलावल भुट्टो ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस टिप्पणी का स्वागत किया, जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संवाद की जरूरत पर बल दिया था। बिलावल ने इसे पाकिस्तान के परिपक्व और दूरदर्शी कूटनीतिक रवैये का समर्थन बताया। अपना पुराना दावा दोहराते हुए बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद से बुरी तरह जूझ रहा है। इसलिए दोनों देशों को मिलकर इस खतरे के खिलाफ ठोस कूटनीतिक रास्ता अपनाना चाहिए।