साल 2025 का आखिरी Blood Moon,
85% दुनिया ने देखा लाल चांद का जादुई नजारा
1 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Lunar Eclipse: राजधानी से लेकर छोटे शहरों तक, 7 सितंबर की रात भारतीय आसमान में एक दुर्लभ खगोलीय घटना ने सभी का ध्यान खींचा। साल 2025 का आखिरी चंद्रग्रहण भारतीय समयानुसार रात 9 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर देर रात 1 बजकर 26 मिनट तक चला। इस दौरान चंद्रमा पूरी तरह लाल दिखाई दिया, जिसे खगोलविद और आम लोग ब्लड मून के नाम से जानते हैं। इस घटना को देखकर वैज्ञानिक और ज्योतिष शास्त्र के प्रेमियों में उत्सुकता और कौतूहल का माहौल बन गया।
आर्यभट्ट प्रेक्षक विज्ञान शोध संस्थान से मिली शानदार तस्वीरें
नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षक विज्ञान शोध संस्थान (ARIES) में लगे देश के सबसे बड़े देवस्थल टेलीस्कोप से इस चंद्रग्रहण की शानदार तस्वीरें कैद की गईं। रात 11 बजकर 42 मिनट पर चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में ढक गया और लाल रंग में चमक उठा। इन तस्वीरों में चंद्रमा की सतह की बारीकियां और लाल रंग स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। ARIES द्वारा साझा की गई यह घटना अब सोशल मीडिया और वैज्ञानिक समुदाय में चर्चा का विषय बनी हुई है।
क्यों दिखाई देता है ब्लड मून
खगोलविदों के अनुसार, जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आती है, तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इस दौरान वायुमंडल में मौजूद धूल और गैस लाल किरणों को चंद्रमा तक पहुंचाने में मदद करती हैं, इसलिए चंद्रमा लाल दिखाई देता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह प्राकृतिक है और इसे नंगी आंखों से आसानी से देखा जा सकता है।
विश्वव्यापी दृष्टि और लाइव स्ट्रीमिंग
पूरी दुनिया की लगभग 85 प्रतिशत आबादी को यह चंद्रग्रहण नजर आया। मशहूर यूट्यूब चैनल टाइम एंड डेट ने इस घटना को लाइव स्ट्रीम किया, जिससे लोग घर बैठे मोबाइल या टीवी पर भी इसे देख सके।
कैसे लगता है चंद्रग्रहण
चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच सही स्थिति में आ जाती है। सूर्य की रोशनी सीधे चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती, बल्कि पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरती हुई केवल लाल रोशनी चंद्रमा तक पहुंचती है। यही वजह है कि लाल रंग की तीव्रता समय और चंद्रमा की स्थिति के अनुसार बदलती रहती है।