धर्मांतरण के लिए हिन्दू लड़कों को निशाना बनाती थी खूबसूरत लड़कियां,
सना के चक्कर में मोहम्मद अली बन गया पीयूष पवार
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
आगरा में सामने आए बहुचर्चित धर्मांतरण रैकेट ने देश भर में हलचल मचा दी है। यह सिर्फ एक कानूनी मामला नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना को झकझोर देने वाली एक संगठित साजिश की कहानी है। ‘मिशन अस्मिता’ के तहत दर्ज हुए इस केस में रोज़ नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं, जो यह बताने के लिए काफी हैं कि यह रैकेट महज उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं था। बल्कि इसकी जड़ें राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड और दिल्ली तक फैली हुई हैं। वहीं इसमें धर्मांतरण के लिये खूबसूरत लड़कियों को ट्रैप की तरह भी इस्तेमाल किया जाता था। जो हिन्दू लड़कों को निशाना बनती थीं।
मोहब्बत का झांसा या सुनियोजित ‘हनी ट्रैप’?
इस रैकेट की एक अहम परत खुली है राजस्थान से, जहां जयपुर के रहने वाले पीयूष पवार की कहानी ने पूरे मामले को एक नया मोड़ दे दिया है। पीयूष, जो अब मोहम्मद अली के नाम से जाना जा रहा है, खुद धर्मांतरण के जाल में फंसकर बाद में उसी नेटवर्क का हिस्सा बन गया। इस ‘धार्मिक परिवर्तन कथा’ की शुरुआत होती है एक लड़की सना से, जो खुद को टोंक की रहने वाली बताती थी। पीयूष और सना की मुलाकात जयपुर में कॉलेज के दिनों में हुई। धीरे-धीरे सना ने मोहब्बत के नाम पर पीयूष को अपने जाल में फंसा लिया और मुसलमान बनने की शर्त पर निकाह का वादा किया। फिर हुआ ‘सुन्नत’, मस्जिदों में रहना, जमातों में शामिल होना और अंततः पांच वक्त का नमाजी बन जाना। लेकिन जब पीयूष पूरी तरह ‘मुस्लिम जीवनशैली’ में ढल गया, तब सना ने पलटी मार दी कह दिया कि वो असली मुस्लिम से ही निकाह करेगी।
गायब हुई ‘सना’, सामने आई ‘आयशा’
सना के गायब होने के बाद नेटवर्क की फंडिंग और कड़ी बनी आयशा सामने आई, जिसने पीयूष उर्फ मोहम्मद अली का निकाह एक अन्य लड़की से करवा दिया। इसके बाद पीयूष भी बाकायदा इस नेटवर्क का हिस्सा बन गया और अन्य युवाओं को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने लगा। अब पीयूष वापस हिंदू धर्म में लौटना चाहता है। वह जयपुर के हसनपुरा में रहने वाला था, लेकिन उसके परिवार ने घर बेच दिया और कहीं और बस गए।
जबरन धर्मांतरण का यह जाल कहां-कहां फैला ?
मामले में अब तक 14 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें से तीन को 23 जुलाई को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। ये आरोपी जुनैद कुरैशी, अब्दुल्ला (उर्फ महेन्द्र पाल), और अब्दुल रहीम उत्तर-पूर्वी दिल्ली के रहने वाले हैं और इनसे पूछताछ में यह स्पष्ट हुआ है कि देश के अलग-अलग राज्यों की दर्जनों लड़कियों को झांसा देकर धर्म बदलवाया गया। बरेली, अलीगढ़, रायबरेली और गाजियाबाद की युवतियां भी इस रैकेट का शिकार बनी हैं। कई मामलों में परिजनों से संपर्क स्थापित कर लिया गया है, जबकि कुछ में प्रयास जारी हैं।