स्वामी रामदेव पर दर्ज मुक़दमा बंद, सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ की क्लोज़र रिपोर्ट,
अब केवल बिहार केस ही बचा
10 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को योगगुरु और पतंजलि संस्थापक स्वामी रामदेव से जुड़े उस विवादित मामले पर अहम सुनवाई हुई, जो कोविड-19 महामारी के समय एलोपैथिक दवाओं पर की गई कथित टिप्पणी से जुड़ा है। इस दौरान अदालत को बताया गया कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस मामले में क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल कर दी है। यानी अब छत्तीसगढ़ में दर्ज की गई एफआईआर खत्म हो चुकी है।
सॉलिसिटर जनरल ने दी जानकारी
सुप्रीम कोर्ट में यह जानकारी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दी। उन्होंने न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि छत्तीसगढ़ में दर्ज एफआईआर पर अब आगे कोई कार्रवाई नहीं होगी। इस पर स्वामी रामदेव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने अदालत से आग्रह किया कि इस बयान को औपचारिक रूप से रेकॉर्ड पर लिया जाए, लेकिन पीठ ने इस अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया।
अब सिर्फ बिहार की FIR पर रहेगी सुनवाई
अदालत ने साफ कर दिया कि चूंकि छत्तीसगढ़ की एफआईआर बंद हो चुकी है, इसलिए रामदेव की उन सभी एफआईआर को क्लब (एकीकृत) करने की अर्जी अब निरर्थक हो गई है। अब केवल बिहार में दर्ज एफआईआर ही लंबित है, इसलिए आगे की सुनवाई वहीं पर केंद्रित होगी।
प्रोटेस्ट पिटीशन से बढ़ सकती हैं दिक्कतें
रामदेव की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने सुप्रीम कोर्ट को आगाह किया कि अगर शिकायतकर्ता छत्तीसगढ़ में दर्ज केस पर प्रोटेस्ट पिटीशन दायर करता है, तो क्लोज़र रिपोर्ट के बावजूद मामला फिर से खुल सकता है। इसलिए, उन्होंने आग्रह किया कि बिहार की एफआईआर की स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही इस पूरे मामले का अंतिम निपटारा किया जाए।
FIR पर सॉलिसिटर जनरल का बड़ा बयान
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान कहा कि स्वामी रामदेव के खिलाफ दर्ज की गई दोनों एफआईआर (छत्तीसगढ़ और बिहार) “स्पष्ट रूप से प्रायोजित व्यक्तियों” द्वारा दर्ज कराई गई थीं। हालांकि, अदालत ने इस बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की और केवल बिहार मामले की आगे की सुनवाई पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया।
पीठ ने सुनवाई स्थगित की
सुप्रीम कोर्ट ने अंत में इस मामले की अगली सुनवाई के लिए तारीख आगे बढ़ा दी। अब अगली सुनवाई के दौरान बिहार की एफआईआर पर विस्तृत चर्चा होने की संभावना है।