मौसम की मार से हो सकता है फसलों को नुकसान…न हों निराश,
ऐसे पाएं अपनी फसलों का पूरा मुआवजा
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
किसानों के लिए राहत की बड़ी खबर है! यदि आप भी बारिश, ओलावृष्टि, चक्रवात, बाढ़ जैसे अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं के कारण अपनी फसल को लेकर चिंतित हैं, तो अब आप उसे बीमा सुरक्षा दे सकते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत अब किसान 31 जुलाई 2025 तक खरीफ फसलों का बीमा करवा सकते हैं और नुकसान की स्थिति में मुआवज़ा प्राप्त कर सकते हैं।
क्या है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसे वर्ष 2016 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं या अन्य जोखिमों से होने वाले फसल नुकसान के आर्थिक झटकों से बचाना है। यह योजना विशेष रूप से खरीफ और रबी फसलों पर केंद्रित है, जिनमें मानसून और जलवायु की अनिश्चितता का सबसे ज़्यादा प्रभाव होता है।
आवेदन की अंतिम तिथि और प्रक्रिया
मिली जानकारी के अनुसार इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को आने वाली 31 जुलाई 2025 (गुरुवार) तह ही अपना पंजीकरण कराना होगा। यह तारीख पंजीकरण की अंतिम तिथि बताई जा रही है।
कैसे करें आवेदन?
- PMFBY की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- होमपेज पर ‘Farmer Corner’ पर क्लिक करें।
- मोबाइल नंबर और OTP दर्ज कर लॉगिन करें।
- नए उपयोगकर्ताओं को नया किसान पंजीकरण करना होगा।
- किसान का नाम, खाता बही, रिश्तेदार का नाम, उम्र, जाति, लिंग, किसान श्रेणी आदि दर्ज करें।
- पता और बैंक विवरण जैसे IFSC कोड, खाता संख्या, बैंक शाखा, गांव आदि भरें।
- विवरण की पुष्टि करें और आवेदन पत्र जमा करें।
- बीमा राशि का भुगतान करें। आप बाद में भुगतान का विकल्प भी चुन सकते हैं।
- आवेदन की रसीद डाउनलोड करें।
कौन कर सकता है आवेदन? (पात्रता)
- सभी कृषक, बटाईदार या साझेदार किसान इस योजना में आवेदन कर सकते हैं।
- उनके पास फसल पर वास्तविक स्वामित्व या वैध खेती का अधिकार होना चाहिए।
किसान सक्रिय रूप से खेती में लगे हों और उसी भूमि पर फसल उगा रहे हों।
- आवेदन बोवाई शुरू होने के दो हफ्ते के भीतर किया जाना चाहिए।
- यदि किसी अन्य स्रोत से उसी फसल के नुकसान के लिए मुआवज़ा लिया गया है, तो इस योजना के तहत दावा मान्य नहीं होगा।
योजना के तहत क्या कवर होता है?
✅ सूखा, बाढ़, चक्रवात, कीट या रोग जैसी प्राकृतिक आपदाओं से फसल नुकसान
✅ ओलावृष्टि, भूस्खलन जैसी स्थानीय आपदाएं
✅ बोवाई के समय, फसल कटाई के बाद, या उपज हानि की स्थिति में बीमा सुरक्षा
✅ समय पर मुआवज़ा का भुगतान, जिससे किसान दोबारा खेती शुरू कर सके
क्यों ज़रूरी है यह योजना?
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और प्रधानमंत्री मोदी स्वयं इस योजना की सफलता की तारीफ कर चुके हैं। योजना न सिर्फ फसल की सुरक्षा करती है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों के आत्मविश्वास को भी मज़बूत बनाती है।