ट्रंप के टैरिफ वार का भारत ने दिया करार जवाब !
इस डील को लेकर अबतक अमेरिका के हाथ खली…
2 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और रक्षा सौदों को लेकर खींचतान लगातार तेज होती जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 25% टैरिफ के बाद भारत ने संसद से कड़ा संदेश भेजते हुए राष्ट्रहित को सर्वोपरि बताया है। इस टकराव का एक अहम केंद्र है अमेरिकी फाइटर जेट एफ-35, जिसे लेकर अमेरिका भारत पर दबाव बना रहा है। लेकिन भारत अब इसे हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हुए अमेरिका को कूटनीतिक जवाब देने में जुटा है।
F-35 खरीद पर चुप्पी, लेकिन संदेश साफ
भारत सरकार ने अब तक एफ-35 फाइटर जेट की खरीद को लेकर कोई आधिकारिक बातचीत शुरू नहीं की है। जबकि अमेरिका चाहता है कि भारत यह सौदा जल्द से जल्द करे। जानकारों के मुताबिक भारत एफ-35 की तकनीकी खामियों और बेहतर विकल्पों की उपलब्धता के कारण इस डील से फिलहाल दूर ही रहना चाहता है। ऐसे में ट्रंप प्रशासन की ओर से हो रहा यह दबाव उलटा असर डाल सकता है।
ट्रंप की अप्रत्यक्ष धमकी
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में भारत को चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि अगर भारत एफ-35 और अन्य अमेरिकी हथियार नहीं खरीदता, तो अमेरिका पाकिस्तान को शह दे सकता है। इसके साथ ही उन्होंने रूस से सैन्य और ऊर्जा आयात को लेकर भी भारत पर तीखा हमला बोला। ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारत और रूस दोनों अपनी अर्थव्यवस्थाओं को गर्त में ले जा रहे हैं।
संसद से मिला अमेरिका को करारा जवाब
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को लोकसभा में दो टूक कहा कि भारत सरकार राष्ट्रीय हितों की रक्षा और संवर्धन के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मोदी सरकार किसानों, श्रमिकों, एमएसएमई, निर्यातकों और उद्योग जगत के हितों के साथ कोई समझौता नहीं करेगी।
सौदेबाजी की रणनीति या दबाव की राजनीति?
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस घटनाक्रम को अमेरिका की "सौदेबाजी की रणनीति" करार देते हुए कहा कि अगर कोई अच्छा व्यापार समझौता नहीं होता, तो भारत को पीछे हटना होगा। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अमेरिका अब पाकिस्तान में तेल खोजने की तैयारी में है, उन्हें इसके लिए शुभकामनाएं।
भारत की मजबूती, अमेरिका की बेचैनी
ट्रंप ने कहा कि भारत हमारा मित्र है, लेकिन उसके साथ व्यापार बहुत कम हुआ है क्योंकि वहां टैरिफ दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। भारत की रूस के साथ करीबी को भी ट्रंप ने आड़े हाथों लिया। लेकिन भारत ने अपनी रणनीतिक आज़ादी के संकेत देते हुए साफ कर दिया है कि वह किसी भी दबाव में नहीं आने वाला।