पढ़ाई के नाम पर रूस बुलाया और यूक्रेन लेजकर युद्ध में झोंका…
भारतीय छात्रों के वीडियो वायरल होने से मचा हडकंप
2 days ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
रूस-यूक्रेन युद्ध में अब भारतीय छात्रों की मजबूर मौजूदगी ने अब देश की चिंता बढ़ा दी है। विदेश में पढ़ाई का सपना देखने वाले कई युवाओं के सामने अब जिंदगी और मौत का खतरा मंडरा रहा है। बीकानेर के अरजनसर गांव का छात्र अजय भी ऐसा ही एक उदाहरण है, जो नवंबर 2024 में मास्को भाषा की पढ़ाई के लिए गया था। लेकिन पढ़ाई के बजाय उसे और उसके साथियों को जबरन युद्ध के मैदान में उतार दिया गया। अजय के दो वीडियो सामने आने के बाद परिवार की नींद उड़ गई है। वहीं राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के अन्य इलाकों से भी ऐसे ही कई वीडियो सामने आए हैं। जिसके बाद मां-बाप की हालत रो-रोकर खराब है और वे सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि किसी भी तरह उनके इकलौते बेटे को सुरक्षित भारत वापस लाया जाए।
वीडियो भेजकर दी जानकारी मिली जानकारी के मुताबिक, राजस्थान के बीकानेर जिले के अरजनसर गांव का रहने वाला अजय नवंबर 2024 में मास्को भाषा (लैंग्वेज) की पढ़ाई करने गया था। परिवार ने सपनों और उम्मीदों के साथ बेटे को विदेश भेजा था, लेकिन अब वही सपना उनके लिए दुःस्वप्न बन गया है। अजय ने 11 सितंबर को दो वीडियो भेजकर परिवार को बताया कि उसे जबरन रूस-यूक्रेन युद्ध में उतारा गया है। इसके बाद से ही घर में कोहराम मचा हुआ है। मां-बाप रो-रोकर गुहार लगा रहे हैं कि किसी भी तरह उनके इकलौते बेटे को वापस लाया जाए।
वीडियो में छलका दर्द: "ये मेरा आखिरी वीडियो हो सकता है" अजय ने अपने पहले वीडियो में बताया कि उसे और उसके दोस्तों को तीन महीने की ट्रेनिंग दी गई और फिर सीधे युद्ध के मैदान में उतार दिया गया। उसने कहा- “हम नौ भारतीय स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग दी गई थी। जब हमने मना किया तो रूसी सैनिकों ने साफ कह दिया कि आप यूक्रेन की जमीन पर हैं। आगे कोई सुनने वाला नहीं है, परिवार से आखिरी बार बात कर लो। आशंका है कि ये मेरा लास्ट वीडियो हो।” वहीं दूसरे वीडियो में अजय ने खुलासा किया कि उनके ऊपर हवाई फायर और मिसाइल हमले हुए। चार दोस्तों में से एक वहीं मारा गया, दो भाग गए और वह रास्ता भटक गया। आठ दिन बाद उसकी बटालियन ने ढूंढ़कर फिर से सेना को सौंप दिया। उसने बताया कि फिलहाल उसे यूक्रेन के सेलिडोज सिटी में रखा गया है, जिस पर रूस ने कब्जा कर लिया है।
मां-बाप की फरियाद: "हमारे इकलौते बेटे को लौटा दो" वहीं इस तरह के वीडियो सामने आने के बाद अजय के परिवार में कोहराम मचा हुआ है। पत्रकारों से बातचीत में अजय की मां ने रोते हुए कहा- “हम कहां जाएं, कौन हमारी मदद करेगा। हमारा उसके सिवा और कोई नहीं है। बहुत अरमानों के साथ पढ़ने भेजा था, लेकिन अब नहीं जानते कि वह किस हाल में है। सरकार से गुहार है कि उसे किसी भी तरह भारत वापस लाया जाए।” वहीं उसके पिता ने बताया कि, पिछले 15 दिनों से बेटे से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। उन्हें यह कहकर यूक्रेन बॉर्डर पर बुलाया गया था कि किचन का काम करना है, लेकिन सीधे युद्ध में झोंक दिया गया।
विदेश मंत्रालय ने जारी की थी एडवाइजरी राजस्थान ही नहीं, बल्कि हरियाणा और पंजाब से भी ऐसे कई वीडियो हाल ही में सामने आए हैं, जिनमें युवाओं ने रूस-यूक्रेन युद्ध में जबरन भेजे जाने का आरोप लगाया है। इन घटनाओं के बाद भारत सरकार ने 11 सितंबर 2025 को एडवाइजरी जारी की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था- “हम भारतीय नागरिकों से अपील करते हैं कि वे रूसी सेना में शामिल होने के किसी भी प्रस्ताव से दूर रहें। ऐसा करना जान जोखिम में डालने जैसा है। हमने रूसी अधिकारियों से अनुरोध किया है कि इस प्रथा को समाप्त किया जाए और भारतीय नागरिकों को वापस भेजा जाए। हम प्रभावित परिवारों के संपर्क में भी हैं।”
परिवार की उम्मीद सरकार से अजय के परिवार की आंखें अब सिर्फ भारत सरकार की ओर टिकी हैं। वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द बेटे को सुरक्षित स्वदेश लाया जाए। यह मामला सिर्फ एक परिवार का नहीं, बल्कि उन तमाम भारतीय छात्रों का है जो पढ़ाई के नाम पर मास्को गए और अब युद्ध के जाल में फंस गए हैं।