आधी रात को CEC की नियुक्ति पर राहुल गांधी ने क्यों किया विरोध,
जानिए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर क्या है पूरा विवाद
2 months ago
Written By: News Desk
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के रूप में ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त (EC) के रूप में विवेक जोशी की नियुक्ति के बाद राजनीतिक और संवैधानिक बहस तेज हो गई है। इस नियुक्ति को लेकर विपक्ष ने तीखा विरोध जताया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले से जुड़ी याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई होनी है।
क्या है पूरा विवाद?
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 2 मार्च 2023 को अनूप बरनवाल मामले में फैसला सुनाते हुए कहा था कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया में खामी है। कोर्ट ने निर्देश दिया था कि जब तक संसद कोई नया कानून नहीं बनाती, तब तक प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश की एक समिति राष्ट्रपति को चुनाव आयोग में नियुक्तियों पर सलाह देगी।
बाद में, सरकार ने दिसंबर 2023 में "मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, अधिकारी की शर्तें और कार्यकाल) विधेयक" संसद से पारित करवा लिया, जिसमें मुख्य न्यायाधीश की जगह एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री (जिसे प्रधानमंत्री द्वारा नामित किया जाएगा) को नियुक्ति समिति में शामिल किया गया। यह विधेयक 29 दिसंबर 2023 को राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद कानून बन गया।
क्यों मचा है सियासी तूफान?
सरकार के इस कदम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गईं। इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की भावना का उल्लंघन किया है, जो चुनाव आयोग की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए था। 12 जनवरी 2024 को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना (अब मुख्य न्यायाधीश) और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कानून के संचालन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश खुद को इन याचिकाओं की सुनवाई से अलग कर चुके हैं, क्योंकि याचिकाएं चयन पैनल में उन्हें फिर से शामिल करने की मांग कर रही हैं।
राहुल गांधी की कड़ी आपत्ति, सरकार पर जमकर साधा निशाना
सीईसी की नियुक्ति को लेकर विपक्षी दलों ने विरोध जताया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में इस कानून की वैधता को लेकर सुनवाई होने से पहले सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति कर संविधान और कानून की मर्यादा का उल्लंघन किया है।
सोमवार शाम हुई सीईसी नियुक्ति पैनल की बैठक में विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी शामिल हुए थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तक इस नियुक्ति को स्थगित करने का अनुरोध किया, जिसे सरकार ने ठुकरा दिया। इसके बाद, उन्होंने बैठक में असहमति नोट (डिसेंट नोट) दर्ज कराते हुए इसे सार्वजनिक भी किया। राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने आधी रात को सीईसी की नियुक्ति कर लोकतंत्र का अपमान किया है।
राहुल गांधी ने संविधान सभा के भाषण का उल्लेख कर सरकार को घेरा
राहुल गांधी ने बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के 1949 के संविधान सभा में दिए गए भाषण का हवाला देते हुए कहा कि बाबा साहब ने चुनाव आयोग में कार्यपालिका के हस्तक्षेप को लेकर चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का घोर उल्लंघन है।