देशभर में मॉनसून ने मचाई तबाही लेकिन…
खरीफ फसलों की बुवाई में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
8 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून ने भले ही उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत में तबाही मचाई हो, लेकिन देशभर में औसत से ज्यादा बारिश ने खरीफ सीजन की फसलों को मजबूत सहारा दिया है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ताजा रिपोर्ट बताती है कि मानसून के इस सीजन में खरीफ फसलों की बुवाई में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
कुल बुवाई क्षेत्र 26.93 लाख हेक्टेयर बढ़ा
कृषि मंत्रालय की "ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव क्रॉप एरिया सोअन रिपोर्ट – खरीफ" के मुताबिक, 5 सितंबर 2025 तक देश में खरीफ फसलों की कुल बुवाई का क्षेत्र 1105.42 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया। यह पिछले साल यानी 5 सितंबर 2024 को दर्ज 1078.49 लाख हेक्टेयर से 26.93 लाख हेक्टेयर ज्यादा है।
चावल की खेती में सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी
रिपोर्ट के अनुसार, खरीफ फसलों में सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी चावल की खेती में हुई है। 5 सितंबर 2024 को चावल का कुल बुवाई क्षेत्र 418.66 लाख हेक्टेयर था, जो एक साल में 19.63 लाख हेक्टेयर बढ़कर 438.28 लाख हेक्टेयर हो गया।
दलहन की बुवाई भी बढ़ी
सरकार लगातार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाकर किसानों को दलहन की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसका असर इस साल के खरीफ सीजन में साफ नजर आया। 5 सितंबर 2025 तक दलहन की बुवाई 1.94 लाख हेक्टेयर बढ़ी है। 2024 में जहां दलहन का बुवाई क्षेत्र 114.46 लाख हेक्टेयर था, वहीं 2025 में यह बढ़कर 116.40 लाख हेक्टेयर पहुंच गया।
मोटे अनाज की बुवाई में 12 लाख हेक्टेयर की बढ़त
चावल और दलहन के अलावा मोटे अनाज (Coarse Cereals) की बुवाई में भी अच्छी बढ़त देखी गई। 5 सितंबर 2024 को मोटे अनाज का कुल बुवाई क्षेत्र 179.62 लाख हेक्टेयर था, जो इस साल बढ़कर 191.71 लाख हेक्टेयर हो गया। यानी लगभग 12.09 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई।
समय से पहले पहुंचा मानसून
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून के समय से पहले पूरे देश में पहुंचने से यह संभव हुआ। सामान्यत: मॉनसून 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर करता है, लेकिन इस बार यह 29 जून को ही पूरे देश में फैल गया था।