नेपाल में उथल-पुथल हिंसक प्रदर्शनों के बीच दशहरा पर घर नहीं लौटेंगे भारत में पढ़ रहे नेपाली छात्र,
परेशानी में पड़े छात्र
9 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
नेपाल इस समय हिंसक प्रदर्शनों, राजनीतिक संकट और प्रशासनिक अराजकता के दौर से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद भी हालात सुधरने के बजाय और बिगड़ते जा रहे हैं। राजधानी काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर समेत कई शहरों में सेना की तैनाती कर दी गई है और कई इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात बने हुए हैं। इस राजनीतिक अस्थिरता और अशांति का असर अब भारत में पढ़ाई कर रहे हजारों नेपाली छात्रों पर भी दिखाई दे रहा है। दशहरा पर अपने परिवार से मिलने की योजना बना रहे कई छात्रों ने अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और फिलहाल भारत में ही रुकने का फैसला किया है।
नेपाल में बढ़ती हिंसा और ओली का इस्तीफा
नेपाल में पिछले कई हफ्तों से चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शन मंगलवार को अचानक हिंसक हो गए। प्रदर्शनकारियों के भारी दबाव में आकर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पद से इस्तीफा देना पड़ा। लेकिन उनके इस्तीफे के बाद भी विरोध थमा नहीं। रात 10 बजे के करीब नेपाली सेना ने देशभर की सुरक्षा की कमान अपने हाथों में ले ली। राजधानी काठमांडू के कई संवेदनशील इलाकों में धारा 144 जैसी पाबंदियां लागू की गईं। सेना के जवानों ने सड़क पर मोर्चा संभाल लिया और हालात को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया।
आगजनी, तोड़फोड़ और जान-माल का नुकसान
काठमांडू और उसके आसपास के इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्ति को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। कई सरकारी इमारतों और निजी प्रतिष्ठानों में आगजनी की घटनाएं हुईं। वहीं, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में अब तक कई लोग घायल हो चुके हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि छात्रों की मौत की खबरों ने पूरे नेपाल के युवा वर्ग को हिला दिया है। सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रही हिंसा की तस्वीरों और वीडियो ने आम नागरिकों में दहशत पैदा कर दी है।
नेपाली छात्रों की दशहरा की तैयारी पर ब्रेक
भारत में पढ़ाई कर रहे हजारों नेपाली छात्र दशहरा पर अपने परिवार से मिलने नेपाल जाने की योजना बना रहे थे, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए उन्होंने अपनी घर वापसी की योजनाएं स्थगित कर दी हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे एक छात्र ने कहा, “मैं दशहरा पर काठमांडू के पास अपने घर जाने के लिए तैयार था, लेकिन परिवार ने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक हालात सामान्य नहीं होते, दिल्ली में ही रहो। पहले घर जाने का उत्साह था, लेकिन अब डर ज्यादा है।”
IIT, JNU और SAU के छात्र भी परेशान
आईआईटी धनबाद में पढ़ाई कर रहे मनोज चौधरी, जो नेपाल के बीरगंज के रहने वाले हैं, ने बताया, “बीरगंज में फिलहाल स्थिति थोड़ी शांत है, लेकिन काठमांडू की हिंसा की खबरें बेहद चिंताजनक हैं। कई इमारतें जलाई गई हैं और छात्रों की मौत की खबरें आ रही हैं। ऐसे में घर लौटना किसी भी तरह से सुरक्षित नहीं है।” साउथ एशियन यूनिवर्सिटी की एक पीएचडी छात्रा ने कहा कि उनका परिवार अपेक्षाकृत सुरक्षित ग्रामीण इलाके में रहता है, “हमारा गांव अभी तक सुरक्षित है, लेकिन काठमांडू में हो रही हिंसा की खबरें सुनकर दिल दहल जाता है। जब अपने देश में कुछ गलत हो रहा हो और हम बाहर बैठे हों तो बहुत असहाय महसूस होता है।”
परिजनों से संपर्क में जुटे छात्र
दिल्ली विश्वविद्यालय की एक अन्य छात्रा, जिनके दादा-दादी नेपाल में रहते हैं, ने अपनी बेचैनी साझा करते हुए कहा, “हम लगातार फोन पर परिजनों का हालचाल ले रहे हैं। रोजाना हिंसक प्रदर्शनों की खबरें आ रही हैं। यह बहुत पीड़ादायक है कि हम नहीं जान पा रहे हैं कि वे कितने सुरक्षित हैं। अब तो हर घंटे फोन मिलाना पड़ता है।” एक प्रथम वर्ष के छात्र ने बताया कि दशहरा पर घर लौटने की उनकी योजना पूरी तरह रद्द हो चुकी है। उन्होंने कहा, “मुझे अपने माता-पिता से मिलने जाना था, लेकिन अब वह जोखिम नहीं ले सकता। अब फोन और इंटरनेट ही सहारा हैं।”
यात्रा टालने की सलाह
नेपाल में बिगड़ते हालात के बीच भारत सरकार ने भी अपने नागरिकों को फिलहाल नेपाल यात्रा से बचने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा, “जब तक हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाते, भारतीय नागरिकों को नेपाल की अनावश्यक यात्राओं से बचना चाहिए।”
छात्रों में दहशत
काठमांडू और अन्य शहरों में फैली हिंसा के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। इन्हें देखकर भारत में रह रहे नेपाली छात्र और उनके परिवार बेहद तनाव में हैं। जो छात्र दशहरा पर घर लौटने वाले थे, उन्होंने अपनी फ्लाइट और ट्रेन टिकट रद्द कर दी हैं। अब वे दिन-रात अपने परिजनों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।