हिंसा और बवाल के बाद घर लौटने की तैयारी में भारत में कमाने आए नेपाली,
कहा - भारत ने दिया अपनापन और सम्मान
8 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश के सीतापुर में रोजगार की तलाश में आए नेपाली नागरिक अब अपने घरों की ओर लौटने की तैयारी कर रहे हैं। कलेक्ट्रेट परिसर में हींग, शिलाजीत और पहाड़ी धनिया बेचकर गुजर-बसर करने वाले नेपाली व्यापारियों ने बताया कि भले ही भारत ने उन्हें रोजगार और सम्मान दिया है, लेकिन परिवार की चिंता उन्हें वापस लौटने पर मजबूर कर रही है।
‘भारत ने दिया सम्मान, पर घर की चिंता भारी’
नेपाल के वीरविश्व सिंह और उनके भांजे मनोज सिंह करीब एक महीने से सीतापुर में रहकर पारंपरिक जड़ी-बूटियों का व्यापार कर रहे थे। उनका कहना है कि इसी छोटे-मोटे काम से परिवार का खर्च निकल जाता है। लेकिन पिछले तीन दिनों से नेपाल में लगातार बिगड़ते हालात की खबरें मोबाइल और न्यूज चैनलों के जरिए मिलने के बाद उन्होंने घर लौटने का निर्णय लिया। व्यापारियों का कहना है कि नेपाल की ओली सरकार की गलत नीतियों ने देश को संकट में डाल दिया है। राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक संकट ने आम लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है।
भारत में मिला अपनापन
नेपाली नागरिकों का कहना है कि भारत में उन्हें हमेशा बराबरी और सम्मान मिला है। यहां के लोग उनसे सामान खरीदते हैं और कभी भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा। वे कहते हैं कि भारत की सामाजिक परंपराएं और लोगों का व्यवहार उन्हें अपनेपन का एहसास कराता है।
नेपाल की अस्थिरता से बढ़ी चिंता
नेपाल में लगातार राजनीतिक अस्थिरता, महंगाई और रोजगार की कमी के चलते बड़ी संख्या में लोग भारत का रुख करते हैं। यहां आकर वे अपने परिवार के लिए रोज़ी-रोटी का सहारा तलाशते हैं। लेकिन जैसे ही नेपाल में हालात बिगड़ते हैं, परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ जाती है और वे लौटने का फैसला करते हैं।
मजबूत हैं भारत-नेपाल के रिश्ते
भारत और नेपाल के बीच न सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव, बल्कि व्यापारिक और पारिवारिक रिश्ते भी गहराई से जुड़े हैं। यही वजह है कि नेपाली नागरिकों को भारत में कभी पराया नहीं माना गया। वे कहते हैं कि उन्हें उम्मीद है कि नेपाल के हालात जल्द सुधरेंगे और वे अपने ही देश में सम्मानजनक तरीके से जीवनयापन कर पाएंगे।