नेपाल में अब सेना के हाथों में सुरक्षा की कमान,
PM ने दिया इस्तीफा, चारो ओर मचा हाहाकार
9 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
नेपाल में पिछले दो दिनों से चल रहे ‘जनरेशन जेड’ (Gen Z) आंदोलन ने राजनीतिक भूचाल खड़ा कर दिया है। सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुआ छात्र-नेतृत्व वाला यह प्रदर्शन अब भ्रष्टाचार, राजनीतिक उदासीनता और सरकार की नीतियों के खिलाफ जनआंदोलन में बदल चुका है। हालात बिगड़ने के बाद मंगलवार रात 10 बजे से नेपाल आर्मी ने पूरे देश की सुरक्षा की कमान संभाल ली है।
सेना ने लगाए कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध
मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार देर रात प्रदर्शनकारियों की हिंसा के बीच प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद मंगलवार को सोशल मीडिया पर लगाया गया प्रतिबंध भी हटा लिया गया। हालांकि, राजधानी काठमांडू, ललितपुर, भक्तपुर और अन्य कई शहरों में स्थिति अब भी तनावपूर्ण है। सेना ने एहतियातन कई इलाकों में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगा दिए हैं और नागरिकों को “जरूरी होने पर ही घरों से निकलने” की सलाह दी है।
प्रदर्शनकारियों का आक्रोश, संसद भवन में आग
सोशल मीडिया बैन के विरोध में शुरू हुआ आंदोलन उस समय हिंसक हो गया जब प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी इमारतों में तोड़फोड़ की और संसद भवन समेत कई नेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया। दो दिन की झड़पों में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों घायल हैं। नेपाल आर्मी के प्रवक्ता राजा राम बस्नेत ने कहा, “हमारा पहला लक्ष्य हालात को सामान्य करना है। हम लोगों की जान और संपत्ति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।” सेना ने मंगलवार देर रात त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा, सिंगदरबार सचिवालय और यहां तक कि पशुपतिनाथ मंदिर परिसर की सुरक्षा भी अपने हाथों में ले ली, जहां प्रदर्शनकारियों ने हिंसा फैलाने की कोशिश की थी।
भारतीय पर्यटकों की मुश्किलें, उड़ानें रद्द
नेपाल में फैली हिंसा के बीच बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटक भी फंसे हुए हैं। मंगलवार को त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा बंद होने के कारण करीब 700 भारतीय यात्री काठमांडू में फंस गए। एयर इंडिया की दिल्ली-काठमांडू के बीच रोज़ाना छह उड़ानें संचालित होती हैं, जिनमें से मंगलवार को चार उड़ानें रद्द कर दी गईं। इंडिगो और नेपाल एयरलाइंस ने भी अपनी सेवाएं रोक दी हैं। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के सोनौली बॉर्डर पर बुधवार को बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटक लौटते नजर आए। भोपाल से पशुपतिनाथ मंदिर दर्शन के लिए गए 60 वरिष्ठ नागरिकों का दल भी वापस लौट आया। एक यात्री ने बताया, “हमने नेपाल जाने के लिए फ्लाइट ली थी, लेकिन वहां हालात बिगड़ने पर उसे रद्द कर दिया गया। अब हम हवाईअड्डे से सीधे लौट रहे हैं।”
भारतीय राज्यों की हाई अलर्ट स्थिति
नेपाल में तनाव को देखते हुए भारत के सीमावर्ती राज्यों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए तीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। जो 0522-2390257, 0522-2724010, 9454401674 है। लखनऊ पुलिस मुख्यालय में एक विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जो 24x7 काम करेगा। वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नेपाल सीमा से लगे जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने सीमावर्ती इलाकों में गहन चेकिंग और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए। साथ ही, सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई के भी आदेश दिए गए।
प्रदर्शनकारियों से संवाद की कोशिश
नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने बुधवार को आंदोलनकारी छात्रों और प्रदर्शनकारियों से मुलाकात का एलान किया है। उन्होंने कहा कि संकट का समाधान केवल संवाद से ही संभव है। राष्ट्रपति पौडेल ने कहा, “मैं सभी पक्षों से अपील करता हूं कि शांत रहें और राष्ट्र को नुकसान से बचाएं। लोकतंत्र में जनता की मांगों को बातचीत और समझौते के जरिए ही सुलझाया जा सकता है।”
नेपाल में हालात काबू में, लेकिन तनाव बरकरार
वहीं बुधवार सुबह काठमांडू की आमतौर पर भीड़भाड़ वाली सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। लोग सिर्फ रोजमर्रा के जरूरी सामान जुटाने के लिए ही बाहर निकले। सेना की गश्त बढ़ा दी गई है और कई इलाकों में कड़े प्रतिबंध लागू हैं। नेपाल आर्मी का कहना है कि हालात को काबू में लाने में कुछ समय लग सकता है क्योंकि “कुछ असामाजिक तत्व मौजूदा संकट का फायदा उठाकर आम नागरिकों और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।”