वक्फ बिल पर संसद में हंगामा, ओवैसी ने बिल फाड़ा, AIMPLB ने दी आन्दोलन की चेतावनी,
TDU, LJP, JDU का बिल समर्थन
27 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
संसद में पेश हुए वक्फ बिल को लेकर बुधवार को सदन में काफी हंगामा हुआ। इस दौरान जहां एक ओर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बिल पास होने की सूरत में देश भर में इसके विरुद्ध आन्दोलन करने की चेतावनी दी तो वहीं, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में चर्चा के दौरान ही बिल को फाड़ दिया। जिसके बाद सदन में काफी गहमा-गहमी देखने को मिली। वहीं केंद्र सरकार में शामिल दलों ने बिल का समर्थन भी किया।
बिल फाड़ सदन से चले गए ओवैसी…
सदन में बुधवार को 12 बजे अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश किया। किरेन रिजिजू ने इसे उम्मीद (यूनीफाइड वक्फ मैनेजमेंट इम्पावरमेंट, इफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) नाम दिया है। वक्फ बिल के पेश होने के बाद AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी का गुस्सा सातवे आसमान पर देखेने को मिला। सदन में चर्चा के दौरान ही ओवैसी ने इसे मुस्लिम सुमुदाय को जलील करने वाला बताते हुए बिल की कॉपी फाड़कर सदन से चले गये। इस दौरान ओवैसी ने कहा कि “इस बिल का मकसद मुसलमानों को जलील करना है, मैं गांधी की तरह वक्फ बिल को फाड़ता हूं।” उन्होंने वक्फ बिल का विरोध करते हुए कहा कि “ये अनुच्छेद 25, 26 का उल्लंघन है तथा यह बिल मुस्लिमों के साथ अन्याय है।”
बिल पास होने पर आन्दोलन की चेतावनी…
वक्फ बिल को लेकर संसद में हंगामे के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने दो टुक में अपना स्टैंड साफ करते हुए आन्दोलन की चेवानी दे डाली। AIMPLB के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा, 'अगर यह बिल संसद में पास हो जाता है, तो हम इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे, हम शांतिपूर्ण आंदोलन चलाएंगे।'
TDU, LJP और JDU ने किया समर्थन…
सदन में बिल पेश होने के बाद चर्चा में रिजिजू ने 58 मिनट अपनी बात रखी। जिस दौरान TDU और JDU इस बिल पर सरकार के साथ खड़ी दिखाई दी। यहां केंद्र की सरकार में शामिल TDP, JDU और LJP ने बिल का पुरजोर समर्थन दिया। इस दौरान अपनी बात रखते हुए जिरिजू ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने 5 मार्च 2014 को 123 प्राइम प्रॉपर्टी को दिल्ली वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर कर दीं। ऐसा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अल्पसंख्यक वोटों के लिए किया गया, पर चुनाव हार गए। उन्होंने कहा कि अगर हमने आज यह संशोधन बिल पेश नहीं किया होता, तो जिस इमारत में हम बैठे हैं, उस पर भी वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा सकता था। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में नहीं आती तो कई अन्य संपत्तियां भी गैर-अधिसूचित हो गई होतीं।