सावन में सेना के ऑपरेशन महादेव में ढेर हुआ पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड मूसा,
जाने क्यों दिया गया ऑपरेशन महादेव नाम
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
पाक प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। सोमवार को श्रीनगर के लिडवास फॉरेस्ट एरिया में सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन महादेव’ में तीन आतंकियों को ढेर कर दिया गया, जिनमें पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड मूसा भी शामिल है। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और भारतीय सेना ने साझा रूप से अंजाम दी। सुरक्षा एजेंसियों की जानकारी के अनुसार, यह मुठभेड़ 28 जुलाई की सुबह उस समय शुरू हुई, जब सुरक्षाबलों ने गुप्त सूचना के आधार पर हरवान के मुलनार क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। भारी संख्या में हथियारों से लैस आतंकियों से आमने-सामने की भिड़ंत हुई, लेकिन मुस्तैद बलों ने सभी को मार गिराया।
क्यों रखा गया ‘ऑपरेशन महादेव’ नाम?
इस ऑपरेशन को 'महादेव' नाम देने के पीछे सामरिक और सांस्कृतिक दोनों तरह के कारण हैं। दरअसल, मुठभेड़ वाला क्षेत्र श्रीनगर के नजदीक 'महादेव पीक' के पास स्थित है, जो जबरवान पर्वत श्रृंखला का एक पवित्र और रणनीतिक शिखर है। महादेव चोटी न सिर्फ स्थानीय श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि यह एक लोकप्रिय ट्रेकिंग रूट भी है, जहां से लिडवास और मुलनार जैसे अहम इलाके दिखते हैं। इसके अलावा, मौजूदा समय में सावन महीना चल रहा है, जो भगवान शिव (महादेव) को समर्पित होता है और इस दौरान हजारों श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर होते हैं। ऐसे में ऑपरेशन को ‘महादेव’ नाम देकर सुरक्षाबलों ने सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं के प्रति सम्मान भी व्यक्त किया है।
पहलगाम हत्याकांड से जुड़ा था आतंकी मूसा
गौरतलब है कि हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 बेगुनाहों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी आतंकियों ने धर्म पूछकर पर्यटकों की जान ली थी, जिससे पूरे देश में गुस्सा फैल गया था। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। उसी सिलसिले में मूसा और उसके साथियों को तलाशने के लिए सुरक्षाबलों ने बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। इंटेलिजेंस के मुताबिक, ये आतंकी दाचीगाम क्षेत्र की ओर बढ़े थे, जो कि श्रीनगर से करीब 20 किलोमीटर दूर है।
चिनार कोर ने दी ऑपरेशन की जानकारी
भारतीय सेना की चिनार कोर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए लिखा, “आतंकियों के साथ पहली मुठभेड़ 28 जुलाई को लिडवास क्षेत्र में हुई थी। इसके बाद सर्च ऑपरेशन बढ़ाया गया और तीन आतंकियों को मार गिराया गया।” इस ऑपरेशन से साफ हो गया है कि भारत अब आतंकियों को उनके छिपने की जगह तक जाकर निशाना बना रहा है, और वो भी सांस्कृतिक सम्मान के साथ रणनीतिक पैनापन दिखाते हुए।