ट्रंप का फरमान…रूस से तेल लेने वालों पर सभी देश लगाएं टैरिफ,
रूस पर नए दबाव की तैयारी, जी-7 देशों में चर्चा
6 days ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
सात देशों के समूह (G7) के बीच गुरुवार को हुई फोन वार्ता में के वित्त मंत्रियों ने रूस पर और कड़े आर्थिक प्रतिबंधों तथा उन देशों पर संभावित टैरिफ लगाने पर चर्चा की, जिन्हें यूक्रेन युद्ध में रूस की मददगार माना जा रहा है। इस बैठक की अध्यक्षता कनाडा के वित्त मंत्री फ्रांस्वा-फिलिप शांपेन ने की। इस दौरान कनाडा, जो इस समय जी7 की अध्यक्षता कर रहा है, ने बयान जारी कर बताया कि मंत्रियों ने रूस के जमे हुए संपत्तियों का उपयोग यूक्रेन की रक्षा में करने पर तेज़ी से काम आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। इसके अलावा उन्होंने रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए संभावित आर्थिक कदमों जैसे नए प्रतिबंध और व्यापारिक उपायों, विशेषकर टैरिफ, पर चर्चा की।
रूस से तेल लेने वाले देशों पर टैरिफ अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बैठक में कहा कि सभी सहयोगी देशों को रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर टैरिफ लगाना चाहिए। बेसेंट और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर ने बयान में कहा, “सिर्फ एकजुट प्रयास, जो पुतिन की युद्ध मशीन की आय को जड़ से काट दे, ही इस बेमतलब के खून-खराबे को खत्म करने के लिए पर्याप्त आर्थिक दबाव बना सकता है।” अमेरिका ने पहले ही भारत और चीन को निशाना बनाते हुए कहा है कि उन पर “अर्थपूर्ण टैरिफ” लगाए जाएं, ताकि वे रूस से सस्ता तेल खरीदना बंद करें। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले सामान पर अतिरिक्त 25% शुल्क लगा दिया है, जिससे कुल दंडात्मक ड्यूटी 50% हो गई है और दोनों लोकतंत्रों के बीच चल रही व्यापार वार्ताएं खटाई में पड़ गई हैं।
चीन पर टैरिफ से परहेज हालांकि ट्रंप ने चीन के आयात पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने से परहेज किया है, क्योंकि बीजिंग के साथ उनकी सरकार नाजुक व्यापार समझौते को बनाए रखने की कोशिश कर रही है। इसी क्रम में बेसेंट शुक्रवार को मैड्रिड जाएंगे, जहां उनकी मुलाकात चीनी उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग से होगी। दोनों नेता व्यापार, टिकटॉक के अमेरिकी संचालन को बेचने की मांग और मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी मुद्दों पर बातचीत करेंगे। वहीं ट्रंप ने शुक्रवार को एक टीवी साक्षात्कार में कहा कि उनका धैर्य रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ जवाब दे रहा है, लेकिन उन्होंने नए प्रतिबंधों की सीधी चेतावनी देने से परहेज किया। उन्होंने कहा कि बैंकिंग और तेल पर कड़े प्रतिबंध एक विकल्प हो सकते हैं, मगर इसके लिए यूरोपीय देशों की सक्रिय भागीदारी जरूरी होगी। “हमें बहुत, बहुत सख्त कदम उठाने होंगे,” ट्रंप ने कहा।